मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय ने मध्य प्रदेश के भाजपा ( BJP ) विधायक के साले सुधांशु द्विवेदी को गिरफ्तार किया है। सुधांशु पर 97 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इससे पहले मुंबई पुलिस ने उन्हें एक फाइव-स्टार होटल के मालिक से ठगी के मामले में पकड़ा था। विधायक की पत्नी पर भी जांच की तलवार लटक रही है। दोनों एक ही कंपनी के निदेशक हैं जिस पर धोखाधड़ी का संदेह है।
क्या है पूरा मामला ?
इंदौर के होटल व्यवसायी को एक कॉमन फ्रेंड के जरिए मुंबई के बांद्रा स्थित फाइव-स्टार होटल में सुधांशु द्विवेदी से मिलवाया गया। द्विवेदी ने खुद को कमोडिटी ट्रेडर बताया, जो किसानों से सीधे अनाज खरीदकर व्यापारियों को सप्लाई करता है। उन्होंने होटल मालिक को मोटे मुनाफे का झांसा देकर निवेश के लिए राजी किया।
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पैसे का लेन-देन
होटल व्यवसायी ने सुधांशु द्विवेदी के कहने पर दो कंपनियों के खातों में कुल 452 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। बदले में उसे सिर्फ 355 करोड़ रुपए का अनाज मिला। जब बाकी रकम या अनाज की मांग की गई, तो द्विवेदी ने संपर्क तोड़ लिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब वह द्विवेदी के प्रभादेवी स्थित फ्लैट पर पहुंचा, तो वहां दो लोगों ने उसे हथियार दिखाकर धमकाया।
गिरफ्तारी और जांच
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने द्विवेदी और उनके भोपाल स्थित एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर आर्थर रोड जेल में भेज दिया था। इसके बाद ED ने पुलिस की FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और कोर्ट से कस्टडी मांगी। सोमवार को कोर्ट में पेशी के दौरान ED ने द्विवेदी को हिरासत में ले लिया।
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कंपनी में पत्नी की भूमिका
जांच में सामने आया कि जिस कंपनी के जरिए यह ट्रांजेक्शन हुआ, उसमें सुधांशु द्विवेदी और उनकी बहन (भाजपा विधायक की पत्नी) दोनों डायरेक्टर हैं। सूत्रों के मुताबिक, अब विधायक की पत्नी पर भी जांच की आंच आ सकती है।
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आरोपियों के वकील का दावा, गिरफ्तारी गलत
मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम के इंस्पेक्टर दया नायक और सचिन पुराणिक ने सुधांशु और उनके कर्मचारी रवि गुप्ता को भोपाल से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों को 37वें मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
आरोपियों के वकील विक्रांत सिंह नेगी और गौरव पारकर ने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी गलत और बिना उचित प्रक्रिया के की गई है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि बिना किसी कानूनी सलाह या परिवार से संपर्क दिए घर की तलाशी ली गई, धमकाया गया, और कुछ खाली कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
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विधायक और परिवार का नाम सामने नहीं आया
मामले में विधायक का नाम अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन आरोपी सुधांशु द्विवेदी की बहन विधायक की पत्नी हैं। यह मामला इसलिए खास है क्योंकि विधायक और उनके परिवार के सदस्य कथित धोखाधड़ी में फंसे हैं, जिससे राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तर पर सघन जांच की संभावना है। बताया जाता है कि ये विधायक ग्वालियर-चंबल इलाके के हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान धमकी भरी और अभद्र भाषा का प्रयोग करने के बाद चर्चा में आए थे।
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विधायक की पत्नी पर भी जल्द ही हो सकती है जांच
यह 97 करोड़ रुपए का फ्रॉड मामला मप्र के एक भाजपा विधायक के परिवार से जुड़ा है। इसमें होटल मालिक को भारी निवेश के बाद भी अपेक्षित अनाज की सप्लाई नहीं मिली और बाद में धमकी भी दी गई। ईडी और पुलिस मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग सहित धोखाधड़ी की जांच कर रहे हैं। विधायक की पत्नी पर भी जल्द ही जांच हो सकती है। इस पूरे मामले की प्रगति राजनीतिक गलियारों और आम जनता की नजर बनी रहेगी।
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