MP में सरपंचों के खिलाफ लाया जाएगा अविश्वास प्रस्ताव का प्रावधान

मध्यप्रदेश में सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान किया जा रहा है। यह कदम पंचायत राज अधिनियम में संशोधन से संभव होगा। यह प्रस्ताव सरपंच का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही लाया जा सकेगा।

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Ravi Singh
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Ordinance against Sarpanch : मध्यप्रदेश में सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान किया जा रहा है। यह कदम पंचायत राज अधिनियम में संशोधन से संभव होगा। अब सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन-चौथाई पंचों (पंचायत सदस्यों) के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी और यह प्रस्ताव सरपंच का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही लाया जा सकेगा। सरकार इस नए प्रावधान को लागू करने के लिए एक अध्यादेश का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है। जिसे अगले महीने कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

ऐसी होगी अविश्वास प्रस्ताव की नई व्यवस्था

वर्तमान में, नगरीय निकायों के अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान है।  इसी तरह का प्रावधान अब पंचायतों में भी लागू किया जाएगा। इस संशोधन में नगरीय निकायों की तरह सरपंचों के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन चौथाई पंचों का समर्थन आवश्यक होगा। साथ ही, यह प्रस्ताव केवल तब लाया जा सकेगा जब सरपंच की कार्यावधि को तीन साल पूरे हो चुके हों।

अध्यादेश के माध्यम से होगा संशोधन

चूंकि अभी विधानसभा का सत्र प्रस्तावित नहीं है, इसलिए सरकार अध्यादेश के माध्यम से यह संशोधन करेगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस संशोधन का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे वरिष्ठ सचिव समिति को भेजा जाएगा। इसके बाद, विधि एवं विधायी विभाग से परिमार्जन कराने के बाद अंतिम रूप से इसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

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लंबे समय से हो रही मांग

पंचायत और ग्रामीण संगठनों की लंबे समय से यह मांग थी कि सरपंचों के खिलाफ भी नगरीय निकायों की तरह अविश्वास प्रस्ताव लाने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस मुद्दे पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) ने संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और सहमति व्यक्त क। जिसके बाद इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

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इस खबर से जुड़े सामान्य से प्रश्न

सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की नई व्यवस्था क्या है?
मध्य प्रदेश सरकार ने पंचायत राज अधिनियम में संशोधन किया है। जिसके तहत सरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन-चौथाई पंचों के हस्ताक्षर आवश्यक होंगे। यह प्रस्ताव केवल तब लाया जा सकेगा जब सरपंच का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका हो।
कब तक यह नया प्रावधान लागू होगा?
सरकार इस नए प्रावधान को लागू करने के लिए एक अध्यादेश का मसौदा तैयार कर रही है, जिसे अगले महीने कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कितने पंचों का समर्थन आवश्यक है?
अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन-चौथाई पंचों (पंचायत सदस्यों) का समर्थन आवश्यक होगा।
यह व्यवस्था कब से मांग की जा रही थी?
यह व्यवस्था पंचायत और ग्रामीण संगठनों द्वारा लंबे समय से मांगी जा रही थी, ताकि सरपंचों के खिलाफ भी नगरीय निकायों के समान अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार हो।
क्या यह संशोधन विधानसभा में पेश होगा?
वर्तमान में विधानसभा का सत्र प्रस्तावित नहीं है, इसलिए यह संशोधन अध्यादेश के माध्यम से किया जाएगा। विधि एवं विधायी विभाग के परिमार्जन के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

 

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