/sootr/media/media_files/2025/08/12/tiger-safari-2025-08-12-15-31-42.jpg)
Photograph: (the sootr)
मध्यप्रदेश की इकलौती सफेद बाघ (white tiger) सफारी मुकुंदपुर को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल पर टाइगर सफारी को अपने क्षेत्र में ले जाने का आरोप भाजपा के ही पांच बार के सांसद गणेश सिंह ने लगाया है। इस मामले में भाजपा के कुछ अन्य स्थानीय नेताओं ने भी विरोध दर्ज कराया है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर अब जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करने जा रही है।
सफेद शेर मोहन की याद में बनी है सफारी
मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी की स्थापना 2016 में की गई थी। यह सफारी रीवा के सबसे बुजुर्ग सफेद बाघ मोहन की याद में बनाई गई थी। इतिहासकारों के अनुसार रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह ने सन 1951 में सफेद बाघ मोहन को पकड़ा था। इस बाघ को सफेद बाघों का पूर्वज कहा जाता था।
यह खबरें भी पढ़ें...
रीवा में पूर्व BJP विधायक केपी त्रिपाठी ने महिला सीएसपी पर की अभद्र टिप्पणी, कहा- असंवेदनशील औरत
इंदौर AIRPORT से पहली बार रीवा और नवी मुंबई के लिए सीधी उड़ानें, विंटर शेड्यूल में 7 नए शहर जुड़ेंगे
एक पत्र के कारण खड़ा हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि मुकुंदपुर सफेद बाघ सफारी विवाद की शुरुआत का कारण एक पत्र है। यह पत्र मैहर के अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा अमरपाटन राजस्व अधिकारी को लिखा गया है। इस पत्र में मुकुंदपुर के छह गांवों को रीवा जिले में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया गया था। इन स्थानांतरित होने वाले गांवों में मुकुंदपुर गांव भी शामिल है, जो फिलहाल मैहर जिला मुख्यालय के अंतर्गत आता है।
इस पत्र के वायरल होने के बाद सतना-मैहर सांसद गणेश सिंह के साथ ही कई अन्य भाजपा व कांग्रेस नेताओं ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल पर मुकुंदपुर सफारी को रीवा में शामिल करने का आरोप लगाया।
उपमुख्यमंत्री के विरोध और सफेद बाघ से जुड़ायह मामला इन शार्ट में
|
बीजेपी सांसद ने किया प्रस्ताव का विरोध
सतना से 5 बार के बीजेपी सांसद गणेश सिंह ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और इसे रीवा को लाभ पहुंचाने की एक 'साजिश' करार दिया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह कदम उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की योजना है, जो इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं।
इसी बीच, कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य सफारी पर नियंत्रण पाना है। उन्होंने गांधीवादी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी, जिसमें जेल भरो आंदोलन की योजना बनाई गई है।
यह खबरें भी पढ़ें...
मध्य प्रदेश में 15 लाख युवाओं ने ली कांग्रेस की सदस्यता, सीएम के गृह क्षेत्र से चौंकाने वाले आंकड़े
इंदौर में कल निकलेगी विशाल तिरंगा यात्रा, CM डॉ. मोहन यादव होंगे शामिल
डिप्टी सीएम ने कहा निराधार है आरोप
इस मामले में विवाद बढ़ता देख प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जिलों की सीमाओं का निर्धारण का अधिकार राज्य पुनर्गठन आयोग के पास है। आयोग द्वारा उनसे न तो इस मामले में कोई सुझाव मांगा है, न ही उन्होंने अपनी ओर से कोई राय ही दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता निराधार टिप्पणियां कर रहे है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है। उनके द्वारा सफारी को लेकर कोई दिशा निर्देश भी नहीं दिए गए है।
सीमा पुनर्गठन से मिलेगा लोगों को फायदा
इस मामले में टिप्पणी करते हुए विंध क्षेत्र के राजनीतिक पर्यवेक्षक जयराम शुक्ल ने कहा कि राजनीति से इस मुददे को बाहर रखना चाहिए, उन्होेंने बताया कि मुकुंदपुर रीवा मुख्यालय से केवल 12 किलोमीटर दूर है जबकि मैहर जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 60 किलोमीटर दूर है। यहां के लोगों को प्रशासनिक कार्यों और अदालती कार्यों के लिए 60 किलोमीटर जाना पड़ता है। जबकि रीवा में शामिल होने पर लोगों को काफी राहत मिल सकेगी।
सफारी का इतिहास और विशेषताएं
महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एवं चिड़ियाघर , जिसे मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी के नाम से भी जाना जाता है, रीवा संभाग के मैहर जिले के मुकुंदपुर में स्थित है। इस सफारी का मुख्य आकर्षण व्हाइट टाइगर है, यहाँ पर्यटक सफ़ेद बाघों को देख सकते हैं । चिड़ियाघर के परिसर में 40 विभिन्न लुप्तप्राय प्रजातियाँ और 60 से अधिक गैर-लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी हैं।
महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी, रीवा संभाग के मैहर जिले के मुकुंदपुर में स्थित है। यह चिड़ियाघर रीवा से 15 किमी और मैहर से 64 किमी दूर है।
भौगोलिक दृष्टि से, यह उन अनोखे क्षेत्रों में से एक है जहाँ मूल रूप से सफ़ेद बाघ पाया जाता था। इसके समग्र आवास में ऊँचे पेड़, झाड़ियाँ, घास और झाड़ियाँ शामिल हैं, जिनमें वुडलैंड और घास के मैदान सहित विभिन्न प्रकार के आवासों भी है। यह 100 हेक्टेयर के क्षेत्र में पहाड़ी इलाके में फैला हुआ है। सफारी के मध्य से एक प्राकृतिक जलधारा बहती है और उत्तरी सीमा के समानांतर बारहमासी नदी बीहड़ बहती है।