मध्य प्रदेश शासन में नवनियुक्त कर्मचारियों को पहले साल से सौ फीसदी वेतन दिए जाने की मांग तेज होती जा रही है। कर्मचारी लगातार इसे लेकर मांग कर रहे हैं और सरकार को मप्र के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ( shivraj singh chouhan ) द्वारा किए गए वादे को याद दिला रहे हैं। चुनाव के पहले चौहान ने वादा किया था कि सरकार गठन के बाद सौ फीसदी वेतन दिया जाएगा। इस वादे को याद दिलाने के लिए अब हर जिले से पत्र भेजे जा रहे हैं।
अभी इस तरह मिलता है वेतन
अभी नवनियुक्त कर्मचारियों को चौथे साल में जाकर 100 फीसदी वेतन शुरू होता है। पहले साल में 70 फीसदी, फिर 80 फीसदी, फिर 90 फीसदी और चौथे साल में तय वेतन का सौ फीसदी देय होता है।
हर जिले से भेज रहे इन्हें पत्र
यह कर्मचारी अपने पदस्थ जिलों से अब पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ), सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav ), डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा के साथ ही अन्य माननीयों को पत्र भेज रहे हैं। कुछ लोग तत्कालीन सीएम और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र भेजकर वादा याद दिला रहे हैं। पीएम मोदी से उनकी गारंटी को पूरा करने की मांग की जा रही है। ( shivraj singh chouhan promise )
यह लिखा पत्र में
माननीय जैसा कि विधानसभा चुनाव के समय वादा किया था कि सरकार बनने के बाद पिछली सरकार द्वारा लागू की गई वेतन विसंगति को दूर किया जाएगा। इसके तहत नवनियुक्त कर्मचारियों को 70, 80,90 औऱ् फिर चौथे साल में जाकर 100 फीसदी वेतन का प्रावधान है। यह प्रावधान सभी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है और उनके प्रति अन्यायपूर्ण है।
पीएससी चयनितों को पुरा, ईएसबी को अधूरा वेतन
पत्र में लिखा है कि पीएससी में चयनितों को पहले साल से ही सौ फीसदी वेतन प्राप्त होता है। वहीं कर्मचारी चयन मंडल (ESB) से चयनितों पर यह वेतन विसंगति लागू होती है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने निभाया वादा
पत्र में यह भी है कि छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने यह वादा किया था और सरकार बनने के बाद पूरा किया। इसलिए निवेदन है मप्र में भी वादा निभाया जाए और पूरा वेतन दिया जाए।
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