NGT ने बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत पर लिया संज्ञान, कई अधिकारी तलब

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में संदिग्ध कारणों से 10 हाथियों की मौत के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

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Siddhi Tamrakar
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BANDHAVGARH 10 ELEPHANTS DIED
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मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में संदिग्ध कारणों से 10 हाथियों की मौत के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। यह निर्णय उस मीडिया रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है, जिसमें हाथियों की मौत का कारण दूषित कोदो बाजरा (मिलेट्स) होने की आशंका जताई गई थी।

बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत को लेकर आ गई फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट

23 दिसंबर से पहले देना होगा जवाब

एनजीटी की पीठ, जिसमें जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और डॉ. अफरोज अहमद शामिल हैं, उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय, मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन्यजीव वार्डन और उमरिया जिले के जिलाधिकारी, साथ ही भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली और भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सभी पक्षों को 23 दिसंबर से पहले अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है और मामले की सुनवाई अब एनजीटी के केंद्रीय पीठ भोपाल में होगी। 

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मीडिया रिपोर्ट के आधार पर लिया गया एक्शन

ट्रिब्यूनल ने यह आदेश उस मीडिया रिपोर्ट पर विचार करते हुए, दिया है जिसमें आशंका जाहिर की गई है कि टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत दूषित कोदो बाजरा (मिलेट्स) खाने की वजह से हुई है। एनजीटी ने कहा कि यह मामला वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है, और यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 का उल्लंघन हो सकता है।

रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया है कि कोदो बाजरा, जो आमतौर पर भारत के कई हिस्सों में खाया जाता है और अपनी उच्च आहार फाइबर और खनिज सामग्री के लिए जाना जाता है, लेकिन अगर यह फंगल संदूषण से प्रभावित हो जाता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। यह मनुष्यों और जानवरों दोनों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, जिनमें लिवर की क्षति, गुर्दे की समस्याएं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं शामिल हैं। विशेष रूप से मानसून के दौरान जब फसल नमी में काटी जाती है। इस मामले की जांच के लिए संबंधित नमूनों को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और मध्य प्रदेश के सागर स्थित फोरेंसिक लैब में भेजा गया है।

FAQ

हाथियों की मौत का कारण क्या हो सकता है?
संदेह है कि हाथियों ने दूषित कोदो बाजरा (मिलेट्स) खाया, जो फंगल संक्रमण के कारण विषैला हो सकता है।
एनजीटी ने क्या कार्रवाई की है?
एनजीटी ने केंद्र सरकार, राज्य अधिकारियों, और अनुसंधान संस्थानों को नोटिस जारी कर 23 दिसंबर तक इस मामले में जवाब मांगा है।
दूषित कोदो बाजरा के क्या खतरे हैं?
दूषित कोदो बाजरा से फंगल संक्रमण से लिवर, किडनी, और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं, जो मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए हानिकारक हैं।
मामले की जांच कौन कर रहा है?
नमूने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (बरेली) और सागर फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं।
यह घटना किस कानून का उल्लंघन हो सकती है?
यह वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 का संभावित उल्लंघन है।

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