बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत को लेकर आ गई फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में हुई 10 हाथियों की मौत की फॉरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट आ गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विसरा नमूनों की विषाक्तता रिपोर्ट में भारी धातु और कीटनाशक नकारात्मक पाए गए हैं। जिसकी वजह से हाथियों की मौत हुई...
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ अभयारण्य ( Bandhavgarh Tiger Reserve ) में 10 हाथियों की मौत के बाद भोपाल से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले पर मध्य प्रदेश सरकार तुरंत एक्टिव होकर बड़ी कार्रवाई की थी। सीएम मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश भी दिए थे। गुरुवार 7 नवंबर को फॉरेंसिक लैब सागर की रिपोर्ट भी आ गई है।
हाथियों की मौत मामले में विसरा नमूनों की विषाक्तता रिपोर्ट (Toxicity Report ) में किसी भी भारी धातु और कीटनाशक नकारात्मक (Pesticide Negative ) पाए जाने की बात सामने आ रही हैं। स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एण्ड हेल्थ (Forensic and Health ) ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जो हर्पीज वायरस के लिए नकारात्मक है। हाथियों की मौत की वजह जहर बताया गया है।
केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से तीन प्रयोगशाला की रिपोर्ट अब तक आ चुकी है। रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर हाथियों की मौत का कारण अधिक मात्रा में फंगस लगी कोदो फसल को खाना बताया गया। 5 नवंबर को केंद्र सरकार के आयवीआरआई बरेली (IVRI Bareilly ) उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट के अनुसार, मृत हाथियों के विसरा सैंपल में साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड ( Cyclopiazonic Acid ) पाया गया था । आपको बताते चले कि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली और पतौर रेंज में हाथियों की मौत की 30 अक्टूबर को हुई थी।
FAQ
बांधवगढ़ में हाथियों की मौत का मुख्य कारण क्या था ?
रिपोर्टों के अनुसार, हाथियों की मौत का मुख्य कारण विषाक्तता बताई जा रही है, जिसमें फंगस लगी कोदो फसल का सेवन प्रमुख है।
फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट कब आई थी ?
फॉरेंसिक लैब सागर की रिपोर्ट 7 नवंबर को आई थी, जिसमें बताया गया था कि हाथियों की मौत का कारण जहर है, और हर्पीज वायरस की मौजूदगी नकारात्मक पाई गई।
मध्य प्रदेश सरकार का इस मामले पर क्या कदम था ?
प्रदेश सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जांच के निर्देश दिए।