मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति के कारण फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई फिलहाल 18 जुलाई दिन गुरुवार तक के लिए टाल दी।
आपको बताते चलें कि प्रदेश में नर्सिंग घोटाला साल 2021 में सामने आया था। शिकायत के आधार पर इसकी जांच हुई। आरोप लगे कि नियमों को ताक में रखकर कॉलेजों को मान्यता दी गई थी।
169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट
सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दी थी, 74 में कमियां बताईं लेकिन कहा कि इसे सुधारा जा सकता है। एजेंसी ने 65 नर्सिंग कॉलेजों को संचालन के लिए अयोग्य पाया। हाल ही में, जांच में शामिल अधिकारियों को फिटनेस प्रमाणपत्र के बदले नर्सिंग कॉलेजों के मालिकों से रिश्वत मांगने के आरोप में सीबीआई की दिल्ली टीम ने गिरफ्तार किया था, जिससे जांच सवालों के घेरे में आ गई थी।
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CBI की जांच पर उठे थे सवाल
ग्वालियर हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी गई। जिसमें सीबीआई ने 169 कॉलेजों को क्लीनचिट दे दी थी। सीबीआई जांच के आदेश होने के बाद लगा कि शायद बड़े खुलासे होंगे लेकिन जांच अफसर ही भ्रष्ट निकले, वे भी बिक गए।
सीबीआई अफसरों ने ही अपने अफसरों को घूस लेते पकड़ा। ये अनसुटेबल कॉलेजों को सुटेबल रिपोर्ट दे रहे थे। ये अफसर नर्सिंग कॉलेजों को क्लीनचिट देने के लिए रिश्वत ले रहे थे। इसमें सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज 10 लाख की रिश्वत लेते धरा गया। इसे बर्खास्त कर दिया गया है। अन्य अफसरों भी गाज गिरी है। कॉलेज संचालक, प्राचार्य, दलाल भी पकड़े गए।
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