नर्सिंग स्कैम पर HC का सख्त रुख, छात्रों के भविष्य को लेकर जताई चिंता, दिया ये आदेश

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े के मामले में सरकार को निर्देश दिया है कि अपात्र कॉलेजों के छात्रों को एक महीने के भीतर योग्य कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाए।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि अपात्र (unqualified) नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को योग्य (suitable) कॉलेजों में ट्रांसफर किया जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन कॉलेजों में सीबीआई जांच के दौरान छात्रों का नामांकन नहीं मिला, उनके छात्रों को परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं दी जाएगी।

शुक्रवार (28 मार्च) को राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपात्र कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता से जुड़ी 17 बस्तों में करीब 600 ओरिजिनल फाइलें पेश कीं। इन फाइलों को दो लोडिंग ऑटो के जरिए कोर्ट तक लाया गया। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 15 दिनों के भीतर इनका अवलोकन कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाना होगा कि किन अधिकारियों ने किन परिस्थितियों में अपात्र कॉलेजों को मान्यता दी।

सीबीआई जांच में फर्जी नामांकन का खुलासा

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन कॉलेजों में सीबीआई जांच के दौरान छात्रों का नामांकन नहीं पाया गया, उनके छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि कई कॉलेजों ने सीबीआई जांच के दौरान किसी भी छात्र के प्रवेश से इनकार किया था, लेकिन बाद में बैकडेट में एडमिशन दिखाकर उन्हें परीक्षा में बैठाने की कोशिश की गई।

HC के आदेश से छात्रों को राहत

कोर्ट ने यह भी कहा कि छात्रों को इस फर्जीवाड़े की सजा नहीं मिलनी चाहिए, इसलिए सरकार को एक महीने के भीतर अपात्र कॉलेजों के छात्रों को मान्यता प्राप्त संस्थानों में ट्रांसफर करना होगा। यह कदम छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उठाया गया है।

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सरकार और प्रशासन पर कोर्ट की सख्ती

हाई कोर्ट ने न केवल सरकार को छात्रों के ट्रांसफर की जिम्मेदारी सौंपी है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं दोबारा न हों। कोर्ट ने यह भी कहा कि दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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