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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नर्सिंग (Nursing) की परीक्षाओं में धोखाधड़ी (Fraud) और मूल्यांकन में लापरवाही (Negligence) का गंभीर मामला सामने आया है। एमपी नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल (MP Nurses Registration Council) द्वारा दिसंबर 2024 में जीएनएम (GNM) और एएनएम (ANM) की लंबित परीक्षाएं कराई गईं, जिनमें मूल्यांकनकर्ताओं (Evaluators) ने अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड (Login ID and Password) दूसरों को शेयर कर दिए। काउंसिल की तकनीकी निगरानी (Technical Monitoring) में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि कई शिक्षकों के खाते राज्य की सीमाओं से बाहर सैकड़ों किलोमीटर दूर एक्टिव हुए। यह परीक्षा की गोपनीयता (Confidentiality) और विश्वसनीयता (Credibility) पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
मूल्यांकन में लॉगिन आईडी शेयरिंग और उसकी गंभीरता
एमपी नर्सिंग काउंसिल के नियमों के अनुसार, मूल्यांकन केवल शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी (Faculty of Government Nursing Colleges) द्वारा किया जाना चाहिए। प्रत्येक शिक्षक को व्यक्तिगत लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया जाता है, जिसे शेयर करना सख्त मना है। जांच में यह सामने आया कि कुछ शिक्षकों ने अपनी आईडी और पासवर्ड अन्य व्यक्तियों को दे दिए, जिससे लॉगिन कई बार प्रदेश की सीमाओं के बाहर भी देखे गए।
लॉगिन लोकेशन ट्रैकिंग का खुलासा
काउंसिल ने तकनीकी निगरानी के तहत लॉगिन लोकेशन ट्रैकिंग की, जिससे पता चला कि:
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कई लॉगिन मप्र (MP) की सीमा से सैकड़ों किलोमीटर दूर सक्रिय हुए।
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कुछ लॉगिन पूरी तरह से राज्य की सीमाओं के बाहर से थे।
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इससे परीक्षा के मूल्यांकन की गोपनीयता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
मूल्यांकन में नियमों की अनदेखी
नियम के अनुसार, एक शिक्षक को एक दिन में अधिकतम 70 उत्तर पुस्तिकाएं जांचने की अनुमति है। वहीं जांच में पाया गया कि कुछ शिक्षकों ने एक दिन में 150 तक कॉपियां जांचीं। यह:
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मूल्यांकन की गुणवत्ता और निष्पक्षता को प्रभावित करता है।
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नियमों के खिलाफ अनुशासनहीनता है।
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छात्रों के भविष्य को गंभीर खतरे में डालता है।
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काउंसिल की प्रतिक्रिया
एमपी नर्सिंग काउंसिल ने अभी तक कड़े कदम उठाने की बजाय केवल चेतावनी (Warning) जारी की है। काउंसिल ने मूल्यांकनकर्ताओं को स्पष्ट किया है कि:
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भविष्य में यदि कोई आईडी शेयरिंग या नियम उल्लंघन किया गया तो संबंधित शिक्षक की लॉगिन आईडी तुरंत ब्लॉक कर दी जाएगी।
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गोपनीयता उल्लंघन पाए जाने पर पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) या ऑडिट (Audit) किया जाएगा।
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छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है।
काउंसिल के अध्यक्ष मनोज सरयाम (Manoj Saryam) ने कहा:
"यह मामला सामने आने के बाद हमने सभी आईडी और पासवर्ड बदलवा दिए हैं। अब कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है। यदि कोई प्रमाण मिलता है तो संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराऊंगा।"
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आईटी एक्ट में केस दर्ज की मांग
एनएसयूआई (NSUI) नेता रवि परमार ने कहा कि इस मामले में आईटी एक्ट (IT Act) के तहत प्रकरण दर्ज होना चाहिए। साथ ही, एमपी सिविल सर्विस रूल्स (MP Civil Service Rules) के तहत निलंबन (Suspension) या सेवा समाप्ति (Termination) की कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने काउंसिल की सख्त कार्रवाई की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों से बचा जा सके।
परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए जरूरी कदम
मध्यप्रदेश में नर्सिंग परीक्षा की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए निम्नलिखित सुधार आवश्यक हैं:
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मूल्यांकनकर्ता की लॉगिन आईडी को व्यक्तिगत और गैर-शेयर किया जाना सुनिश्चित करना।
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लॉगिन लोकेशन की नियमित निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई।
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मूल्यांकन प्रक्रिया में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए दैनिक कॉपियों की सीमा का सख्ती से पालन।
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परीक्षा की गोपनीयता और निष्पक्षता के लिए तकनीकी और प्रशासनिक उपायों का सुधार।
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दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी सजा।
Conclusion
मध्यप्रदेश नर्सिंग परीक्षा मूल्यांकन में आईडी शेयरिंग और मूल्यांकन नियमों की अनदेखी की खबर छात्रों और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है। परीक्षा की विश्वसनीयता बनाए रखना न केवल काउंसिल की जिम्मेदारी है बल्कि छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए भी आवश्यक है। तकनीकी निगरानी और कड़ी कार्रवाई से ही परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती है।
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