BHOPAL. मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले की जांच जारी है। नर्सिंग घोटाले में रिश्वतखोरी रैकेट का सीबीआई ने पर्दाफाश किया है। अब भोपाल सहित पूरे प्रदेश में 470 नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई करेगी। इसके लिए मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने सीबीआई को डिप्लोमा कोर्स वाले 470 कॉलेजों की लिस्ट सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई ने इन कॉलेजों की जांच करने सात अलग-अलग टीमें तैयार की हैं। यह टीमें जल्द ही डिप्लोमा कोर्सेस वाले नर्सिंग कॉलेजों की जांच शुरू करेगी।
रिश्वत मामले में 9 आरोपियों को भेजा जेल
वहीं नर्सिंग घोटाले में रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है। जहां से आरोपी सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोका, अनिल भास्करन, तनवीर खान, राधारमण शर्मा, सचिन जैन, वेद प्रकाश शर्मा, प्रीति तिलकवार, सुमा अनिल भास्करन, जल्पना अधिकारी को जेल भेज दिया गया है। वहीं, 4 आरोपी ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर शर्मा अभी भी रिमांड पर है। बता दें, सीबीआई ने मंगलवार को ही इंस्पेक्टर सुशील मजोका को बर्खास्त किया था।
निरीक्षण करने वाले 111 अफसरों को नोटिस
मामले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट में अयोग्य घोषित किए गए 66 नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण करने वाले 111 अफसरों को शो-काज नोटिस जारी किए हैं। सभी अफसरों को इंडियन नर्सिंग काउंसिल और मप्र नर्सिंग काउंसिल के मानकों को पूरा नहीं करने वाले नर्सिंग कॉलेजों की रिपोर्ट मानक स्तर की दिए जाने का कारण पूछा गया है। इसकी पुष्टि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है।
निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर दी गई थी मान्यता
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि मान्यता के लिए नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण सरकारी मेडिकल कॉलेजों के असिस्टेंट प्रोफेसर और सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की टीचिंग फैकल्टी ने किया था। इसके लिए डायरेक्टर नर्सिंग एवं पैरामेडिकल सर्विसेस ने अलग-अलग नर्सिंग कॉलेज के निरीक्षण के लिए 111 अफसरों को कॉलेजों का निरीक्षण करने भेजा था। इन्हीं अफसरों की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर उन 66 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई थी, जो सीबीआई जांच में अयोग्य मिले हैं। बाद में मप्र हाईकोर्ट के निर्देश पर इन संस्थानों को राज्य सरकार ने बंद करने की कार्रवाई के निर्देश जिला कलेक्टर्स को दिए हैं।
अफसरों ने सबमिट की झूठी रिपोर्ट
अफसरों ने बताया कि अयोग्य नर्सिंग कॉलेजों का निरिक्षण करने वाले अफसरों ने नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल को संबधित संस्थानों की गलत (झूठी) इंस्पेक्शन रिपोर्ट सबमिट की थी। अफसरों की इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संबंधित नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी थी।
1 जून तक जमा करें रिपोर्ट
मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के रजिस्ट्रार एवं प्रशासक ने सीबीआई जांच में डेफिसिएंट पाए गए 73 नर्सिंग कॉलेजों को नोटिस जारी किया है। इसमें सभी को 1 जून तक कॉलेज में बताई गई खामियों को दूर करने के संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 1 जून तक मप्र नर्सिंग काउंसिल दफ्तर में जमा करने को कहा है। ताकि सीबीआई जांच रिपोर्ट में डेफिसिएट घोषित किए गए सभी 73 कॉलेजों की डेफिसिएंसी दूर करने के लिए किए गए कामों के आधार पर संबंधित संस्थाओं के बारे में फैसला लिया जा सके। डेफिसिएट कॉलेजों को खामियां दूर करने के निर्देश मप्र हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय कमेटी ने 31 मार्च 2024 को दिए थे।
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