मध्य प्रदेश के प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी ने छात्रों को भारी नुकसान पहुंचाया है। छात्रों का आरोप है कि पीईबी ने 2022-23 में आयोजित भर्ती परीक्षाओं में नगर नियोजन (Town Planning), सहायक अतिक्रमण अधिकारी (Assistant Encroachment Officer), और अन्य पदों के लिए चयन प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं कीं।
क्या है विवाद?
छात्रों का कहना है कि परीक्षा के लिए डिग्री की शर्तें स्पष्ट नहीं की गईं। बिना आवश्यक डिग्री के छात्रों को परीक्षा में बैठने दिया गया और कुछ को टॉपर तक घोषित कर दिया गया। जब संबंधित विभागों ने डिग्री मांगी, तो ये छात्र अयोग्य पाए गए। इस कारण 90% से अधिक पद अब भी खाली हैं।
इंदौर में खाली पद और योग्य छात्रों की उपेक्षा
इंदौर नगर निगम में सहायक अतिक्रमण अधिकारियों के कई पद खाली हैं। 18 ऐसे छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिनके पास नगर नियोजन की डिग्री नहीं थी। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी गई, जिससे योग्य छात्रों को मौका नहीं मिला। छात्र भगवानसिंह मुखरैया ने मांग की है कि अयोग्य घोषित छात्रों की जगह वेटिंग लिस्ट में शामिल योग्य उम्मीदवारों को मौका दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह प्रशासनिक लापरवाही है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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गड़बड़ी कैसे सामने आई?
2022 में समूह-2 उप समूह-4 की परीक्षा के दौरान कुल 105 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई। इनमें से केवल 14 छात्र ही योग्य पाए गए, जबकि 91 पद रिक्त रह गए। 2023 में भी इसी प्रकार की भर्ती में स्क्रूटनी के दौरान यह पता चला कि पीईबी ने बिना शैक्षणिक योग्यता वाले छात्रों को पास कर दिया।
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छात्रों की मांगें
- वेटिंग लिस्ट में योग्य छात्रों को प्राथमिकता दी जाए।
- नई परीक्षा आयोजित करने के बजाय रिक्त पदों पर वेटिंग सूची से नियुक्तियां की जाएं।
- यदि मामला भ्रष्टाचार का है, तो इसे एसटीएफ को सौंपा जाए।