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मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए फार्मेसी में एडमिशन का एक और शानदार मौका है। अगर आप B.Pharm या D.Pharm में एडमिशन नहीं ले पाए हैं तो ये खबर आपके लिए है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काउंसलिंग का एक नया राउंड शुरू होगा।
राज्य के कॉलेजों में अभी भी 10 हजार 465 सीटें खाली पड़ी हैं। अब छात्र इन खाली सीटों पर फिर से आवेदन कर सकेंगे। यह उन हजारों छात्रों के लिए बहुत बड़ी राहत की बात है।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
ये कानूनी लड़ाई 'एसोसिएशन ऑफ टेक्निकल एंड प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस' (ATPI) ने जीती है। पहले एडमिशन की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर तय की गई थी। लेकिन कई कॉलेजों को मान्यता देरी से मिली थी। इस वजह से 20 नए कॉलेजों में एक भी एडमिशन नहीं हुआ।
कोर्ट ने इसे छात्रों और कॉलेजों के साथ गलत माना। अब एडमिशन की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी गई है। खाली सीटों को भरने के लिए जल्द ही नई काउंसलिंग शुरू होगी।
कहां कितनी सीटें खाली
अगर हम आंकड़ों को देखें तो, मध्यप्रदेश में pharmacy की कुल 36 हजार 432 सीटें हैं। इनमें से अब तक केवल 25 हजार 967 सीटों पर एडमिशन हुए हैं। छात्रों के पास अब इन सीटों पर एडमिशन लेने का सुनहरा मौका है।
बी.फार्मेसी (B.Pharm): यहां 3 हजार 861 सीटें खाली हैं। इनमें से 3 हजार 339 सीटें प्राइवेट कॉलेजों की हैं।
डी.फार्मेसी (D.Pharm): यहां स्थिति और भी खराब है, जहां 5 हजार102 सीटें खाली पड़ी हैं।
सरकारी कॉलेज: हैरानी की बात है कि सरकारी और यूनिवर्सिटी संस्थानों में भी 22 सीटें अभी खाली हैं।
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5 पॉइंट में पढ़ें पूरी खबर
👉 सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फार्मेसी एडमिशन का एक और मौका मिला है। 👉 मध्यप्रदेश के कॉलेजों में अब भी 10 हजार 465 सीटें खाली पड़ी हैं। 👉 एडमिशन की आखिरी तारीख अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी गई है। 👉 जिन छात्रों का एडमिशन नहीं हुआ था, वे नई काउंसलिंग में भाग ले सकेंगे। 👉 छात्रों की पढ़ाई पूरी कराने के लिए कॉलेज अबएक्स्ट्रा क्लास लगाएंगे। | |
जल्द जारी होगा काउंसलिंग शेड्यूल
तकनीकी शिक्षा विभाग अब बहुत जल्द नया टाइम-टेबल या शेड्यूल जारी करने वाला है। जो छात्र पहले रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए थे या जिन्हें कॉलेज अलॉट नहीं हुआ था, वे इस नए राउंड में हिस्सा ले सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि सीटों को खाली रखना शिक्षा व्यवस्था के हित में नहीं है। इसलिए अब प्रशासन को युद्ध स्तर पर प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
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देरी से एडमिशन
बता दें कि, एडमिशन का रास्ता तो साफ हो गया है लेकिन एक बड़ी चिंता एकेडमिक कैलेंडर को लेकर है। नियम के मुताबिक, एक साल में कम से कम 180 दिन की क्लास लगना जरूरी है।
बी.फार्मेसी की कक्षाएं तो 3 नवंबर से शुरू हो चुकी हैं। अब जो नए छात्र आएंगे, उनके लिए कॉलेजों को एक्स्ट्रा क्लास लगानी होगी। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) को भी अपनी परीक्षाओं और पढ़ाई के शेड्यूल में बदलाव करना पड़ेगा ताकि बच्चों का साल बर्बाद न हो। मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल
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