आधार में हेरफेर कर असली की जगह नकली कैंडिडेट एग्जाम में बैठे, अब तक 24 संदिग्ध पकड़ाए

मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में आधार अपडेट सिस्टम का दुरुपयोग कर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। गिरोह ने UIDAI की 60% बायोमैट्रिक मैच नीति का फायदा उठाकर दिल्ली से सॉल्वर बैठाए।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में फर्जीवाड़े का एक नया मॉड्यूल सामने आया है। संगठित गिरोहों ने आधार की 60% एक्यूरेसी का गलत इस्तेमाल किया। फर्जी पहचान आईडी तैयार की। इस तकनीकी खामी से दिल्ली से बैठे-बैठे सॉल्वर बिठाकर उम्मीदवारों को पास कराया गया। इस घोटाले में अब तक 9 जिलों में 21 एफआईआर दर्ज हुईं हैं। इन जिलों से दो साल्वर समेत अबतक 24 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

दिल्ली में बनाया क्लोन बनाया बायोमैट्रिक

गिरोह ने दिल्ली में आधार सेंटर चलाने वाले एजेंट से आईडी किराए पर ली। इसके एवज में 3000 रुपए प्रति माह दिए गए। इस ID का पासवर्ड खुद एजेंट का बायोमैट्रिक था, जिसे क्लोन कर लिया गया। इससे लॉगिन कर उम्मीदवारों का बायोमैट्रिक डेटा बदला गया। बदले हुए बायोमैट्रिक से एग्जाम (MP Police constable Bharti 2023) में सॉल्वरों को भेजकर एग्जाम क्लियर कराया।

एनिडेस्क से कैंडिडेट का सिस्टम किया कंट्रोल

गिरोह ने Anydesk जैसे रिमोट एक्सेस ऐप का उपयोग कर एमपी में बैठे उम्मीदवारों के लैपटॉप को रिमोट पर ले लिया। फिर जैसे ही आधार नंबर फीड हुआ, बायोमैट्रिक और रेटिना बदल दिए गए।

सिर्फ अंगूठों के निशान से एंट्री, 60% मैच में अपडेट

UIDAI की शर्तों के मुताबिक यदि रेटिना, फिंगरप्रिंट और फोटो 60% मेल खाते हैं, तो अपडेट संभव है। इसी का फायदा उठाकर गिरोह ने केवल अंगूठों के निशान अपलोड किए, जिससे परीक्षा केंद्र पर सॉल्वर को एंट्री मिल गई।

सॉल्वर ने कबूला, 9 की जगह परीक्षा देने आया था 

श्योपुर पुलिस ने बिहार के सॉल्वर रंजन कुमार को पकड़ा। उसने 9 अभ्यर्थियों के बदले परीक्षा देने की बात स्वीकारी। उसका कनेक्शन मुरैना निवासी मास्टरमाइंड अमिताभ मीणा से था, जिसने उसे फ्लाइट का खर्च देकर एग्जाम देने के लिए बुलाया था।

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दिल्ली से पकड़े गए दो आधार एजेंट

श्योपुर पुलिस ने अब तक दिल्ली के दो आधार एजेंट अमन तिवारी और संजीव राठौर को गिरफ्तार किया है। इनकी ID से आधार अपडेट किया गया था। गिरोह का नेटवर्क दिल्ली, यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ तक फैला है। इस मामले में अब तक 2 अभ्यर्थी, 3 सॉल्वर, 5 आधार अपडेट एजेंट और सहयोगी समेत 11 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

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ऐसे हुआ सिस्टम से खेल

एसपी वीरेंद्र जैन और आधार विशेषज्ञों के अनुसार सॉल्वर बैठाने के लिए पूरी प्रोसेस 5 चरणों में की गई।

  • सबसे पहले लॉगिन ID किराए पर लेकर बायोमैट्रिक क्लोन बनाया गया।
  • GPS और बायोमैट्रिक से Delhi में लॉगिन कर ऑपरेशन चलाया गया।
  • Anydesk से रिमोट कंट्रोल लेकर उम्मीदवार का सिस्टम ऑपरेट किया गया।
  • आधार नंबर फीड करते ही बायोमैट्रिक बदले, सॉल्वर का डेटा अपलोड।
  • केवल अंगूठों के निशान अपलोड किए, ताकि एंट्री मिल सके।

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