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मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती-2023 को लेकर हजारों बेरोजगार युवा अभी भी असमंजस में हैं। करीब 3 महीने पहले आए फाइनल रिजल्ट के बाद भी वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं मिल सकी है। विभागीय लापरवाही का सीधा असर अब इन अकांक्षी युवाओं पर पड़ रहा है।
खाली पदों की जानकारी नहीं दे रहे पुलिस अधीक्षक
2023 की भर्ती में जो उम्मीदवार चयनित हुए थे, उन्हें विभाग द्वारा ज्वाइनिंग दे दी गई है। भर्ती में चयनित हुए कुछ ऐसे उम्मीदवार भी रहे, जो किन्हीं कारणों से ज्वाइन नहीं कर सके। विभागीय नियमों के अनुसार इन खाली पदों पर वेटिंग लिस्ट से अभ्यर्थियों की भर्ती होनी चाहिए थी। वेटिंग लिस्ट के इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल प्रदेशभर के कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों (SP) ने रिक्त पदों की जानकारी विभाग को नहीं भेजी। इसी कारण वेटिंग अभ्यर्थियों की नियुक्ति रुकी हुई है।
7411 पदों के लिए हुई थी भर्ती परीक्षा
एमपी पुलिस आरक्षक भर्ती-2023 कुल 7411 रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित की गई थी। इसकी लिखित परीक्षा 12 अगस्त से 12 सितंबर 2023 के बीच आयोजित हुई थी। लिखित परीक्षा का रिजल्ट 7 मार्च 2024 को घोषित किया गया था। इसके बाद फिजिकल दक्षता परीक्षा 18 से 20 नवंबर 2024 के बीच आयोजित की गई। फाइनल चयन परिणाम 12 मार्च 2025 को जारी किया गया था, जिसमें कुल 6,446 अभ्यर्थी सफल हुए। अब इन सफल अभ्यर्थियों में से कितने अभ्यर्थियों ने ज्वाइनिंग की और कितने पद अभी खाली हैं, इसकी जानकारी विभाग तक नहीं पहुंची।
सरकार की चुप्पी से बढ़ रही बेरोजगारों की बेचैनी
वेटिंग लिस्ट वाले अभ्यर्थी अब तक नियुक्ति के इंतजार में हैं। उनकी परेशानी का कारण सिर्फ यह है कि विभाग को खाली पदों की जानकारी नहीं भेजी गई। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की बजाय अनदेखी के आरोप लगने लगे हैं। सरकारी तंत्र की चुप्पी और विभागीय असहमति से वेटिंग लिस्ट में शामिल युवाओं की उम्मीदें टूटने लगी हैं। यह मामला केवल लापरवाही का नहीं, बल्कि हजारों युवाओं के करियर और भविष्य का है।
भर्ती में घोटाले और फर्जीवाड़े के भी आए मामले
साल 2023 में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती को लेकर घोटाले और फर्जीवाड़े के भी मामले सामने आए हैं। अभी तक इस भर्ती से जुड़े फर्जीवाड़े के मामलों में शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, इंदौर, अलीराजपुर, राजगढ़, मुरैना और शहडोल जैसे 8 जिलों में फर्जीवाड़े के 16 केस दर्ज किए जा चुके हैं और 24 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इन खुलासों के बाद प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
सीएम ने जांच के दिए आदेश
इसी बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि पुलिस आरक्षक भर्ती 2023 में फर्जीवाड़े और अनियमितताओं की जानकारी मिलने पर मैंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस तरह के अपराध, जो योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन करते हैं, उन्हें मध्यप्रदेश में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस आरक्षक भर्ती -2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितता की सूचना मिलने पर मेरे द्वारा सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस प्रकार के आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, मध्यप्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 7, 2025
पुलिस मुख्यालय…
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