MP NEWS: मध्य प्रदेश में एक पुलिस अधिकारी की 25 साल पुरानी फर्जीवाड़े की कहानी सामने आई है। बुरहानपुर जिले में एसआई के पद पर कार्यरत अमिताभ प्रताप सिंह उर्फ अमिताभ थियोफिलस ने कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेते हुए पुलिस विभाग में नौकरी हासिल की थी।
जांच में फर्जीवाड़ा साबित
भोपाल निवासी प्रमिला तिवारी की शिकायत पर कलेक्टर जबलपुर दीपक कुमार सक्सेना ने जांच करवाई। एसडीएम रघुवीर सिंह मरावी द्वारा की गई विस्तृत जांच में पुष्टि हुई कि अमिताभ ने गोंड जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया था, जबकि वह असल में ईसाई धर्म का अनुयायी है।
उसने 1980 में पहली कक्षा में दाखिले के समय अपनी जाति गोंड और धर्म ईसाई दर्शाया था, लेकिन सामाजिक रीति-रिवाजों और पारिवारिक पृष्ठभूमि की जांच में सामने आया कि उसके कोई भी रीति-रिवाज या संबंध गोंड समाज से मेल नहीं खाते।
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पहले भी हुई थी शिकायत
यह पहला मौका नहीं है जब अमिताभ के खिलाफ शिकायत हुई हो। साल 2019 में भी उसके जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी, लेकिन तब किसी ने गंभीरता से जांच नहीं की। इस बार जब मामले की दोबारा रिपोर्ट 2024 में प्रमिला तिवारी द्वारा की गई, तो प्रशासन हरकत में आया।
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गृह विभाग ले सकता है सख्त निर्णय
जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने गृह विभाग को पूरी जानकारी भेज दी है। अब प्रदेश का गृह विभाग अमिताभ सिंह की सेवा समाप्ति, आपराधिक मामला दर्ज करने और रिकवरी कार्रवाई जैसे कड़े कदम उठा सकता है।
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