Bhopal : पुलिस जमीन पर ही कलाकारी नहीं करती, अब वर्चुअल वर्ल्ड में भी ये कमाल करने लगे हैं। यही मामला देख लीजिए। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय यानी पीएचक्यू के ऑफिशियल एक्स हैंड्ल्स से दो पोल पोस्ट हुए। पहला सर्वे 5 जुलाई और दूसरा सर्वे 8 जुलाई को पोस्ट किया गया। इसमें पुलिस ने जनता से पूछा कि आप हमारे काम से कितने संतुष्ट हैं, जवाब में लोगों ने हकीकत बता दी। 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पुलिस के कामकाज से खुश नहीं है। बवाल बढ़ा तो दोनों पोल यानी सर्वे सोशल मीडिया साइट एक्स से डिलीट कर दिए गए। 'द सूत्र' अपने पाठकों के लिए वह स्क्रीनशॉट्स लेकर आया है।
पोस्ट डिलीट होने के बाद सब आया-गया हो गया था। दो दिन बाद फिर जिन्न बोतल से बाहर निकला तो अधिकारियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। अंदरखाने में पूछताछ की गई तो किसी को पता ही नहीं था कि ये पोल किसकी अनुमति से पोस्ट किए गए थे। ताजा घटनाक्रम यह है कि इस मामले की खबर सीएम डॉ.मोहन यादव को भी लग गई है। उन्होंने इस पर भारी नाराजगी जताई है। उधर, सोशल मीडिया पर यह सर्वे पोस्ट करने वाले कर्मचारी को हटा दिया गया है।
फिर किस काम की है स्टेयरिंग कमेटी
दरअसल, पुलिस मुख्यालय ने अपनी 'उपलब्धियों' को बताने के लिए एक कंपनी हायर की है। ईएण्डवाय कंपनी के जिम्मे यह पूरा काम है। उसने भोपाल में 12 कर्मचारी लगा रखे हैं। मीडिया मैनेजमेंट की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी पर है। कंपनी के कामकाज की मॉनीटरिंग के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की अगुआई वाली एक पूरी स्टेयरिंग कमेटी है। अब सवाल यही है कि जब दो पोल पोस्ट हुए तो क्या किसी ने देखा नहीं था और देखा भी तो क्या एक्शन लिया?
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एडीजी बोलीं- जानकारी नहीं दे सकते
पुलिस की तरफ से सोशल मीडिया विंग का जिम्मा एडीजी दीपिका सूरी संभालती हैं। वे पीएचक्यू में प्रशासन यानी एडमिनिस्ट्रेशन देखती हैं। जब 'द सूत्र' ने उनसे बात की तो उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा। दीपक सूरी ने कहा कि एक्स हैंडल पर पुलिस सर्वे और उसके हटाने के मामले में मुझे कुछ नहीं कहना है। इस मामले में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है। आप भी इसे आगे ना बढ़ाएं।
क्या है पूरी कहानी समझिए...
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एमपी पुलिस के अधिकृत एक्स हैंडल से सर्वे कराया गया था। इसमें पूछा गया कि क्या आप नजदीकी पुलिस विभाग से संतुष्ट हैं? जवाब में 76 फीसदी लोगों ने असंतोष जताया। इससे पहले पूछे सवाल के जवाब में भी पुलिस की छवि पर सवाल खड़े हो गए थे। आलम यह है कि प्रदेश के 31 फीसदी लोग कभी-कभी पड़ोस में भी सुरक्षित नहीं महसूस करते। 28 प्रतिशत तो कभी महफूज ही नहीं समझते। सर्वे में जनता ने आईना दिखाया तो विभाग ने तत्काल सर्वे ही 'एक्स' से डिलीट कर दिया।
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निजी कर्मचारी को हटाकर इतिश्री!
इस सर्वे पर पीएचक्यू के अफसरों की नजर एक दिन बाद पड़ी, तब तक 'एक्स' पर पुलिस की कलई खुल चुकी थी। बाद में डीजीपी ने संज्ञान लिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पोस्ट हटा दी गई, लेकिन तब तक स्क्रीन शॉट्स ले लिए गए थे। सूत्रों के अनुसार, कार्रवाई के नाम पर अब मध्यप्रदेश पुलिस की सोशल मीडिया विंग संभालनी वाली निजी कंपनी ईएण्डवाय के एक कर्मचारी को हटा दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम पर सीएम डॉ.मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाया है। माना जा रहा है कि एक दो दिन में इस केस में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
3-3 महीने का एक्सटेंशन क्यों?
आपको बता दें कि भारी भरकम राशि के टेंडर के बाद ईएण्डवाय को पीएचक्यू की सोशल मीडिया विंग का काम मिला था। पिछले साल यानी 2023 में कंपनी का कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन देखिए मजेदार तथ्य यह है कि 3-3 महीने करके कंपनी को एक्सटेंशन दिया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी के कर्ता-धर्ताओं पर वरदहस्त है। लिहाजा, वह धीरे-धीरे अपना काम आगे बढ़वाती जा रही है। सवाल यही है कि दोबारा टेंडर प्रक्रिया क्यों नहीं की जा रही है।
हर महीने 40 लाख का भुगतान
सूत्रों के अनुसार, ईएण्डवाय कंपनी को हर महीने करीब 40 लाख का भुगतान किया जाता है। सरकार की ओर से अब तक कंपनी को सात करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं और वह सिर्फ पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया विंग, मीडिया मैनेजमेंट जैसे कुछ काम देखती है। इसके इतर पूरी सरकार यानी जनसंपर्क का काम देखने वाली कंपनी को 60 लाख रुपए मासिक भुगतान किया जाता है। ईएण्डवाय को अधिक राशि दिए जाने को लेकर पीएचक्यू के अफसर ही अंदरखाने सवाल खड़े करने लगे हैं।
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