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Photograph: (the sootr)
INDORE. मध्य प्रदेश में मोहन सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। सत्ता और संगठन अब अगले तीन साल की रणनीति पर जुट गए हैं। सरकार और भाजपा संगठन ने मिलकर विकास और प्रशासन को गति देने का रोडमैप तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागवार समीक्षा के बाद स्पष्ट लक्ष्य तय कर दिए हैं।
सरकार और संगठन मिलकर करेंगे अमल
तय लक्ष्यों को जमीन पर उतारने के लिए अब सरकार और संगठन एक साथ काम करेंगे। इसी कड़ी में निगम-मंडल, बोर्ड और प्राधिकरणों में लंबे समय से लंबित राजनीतिक नियुक्तियों को जल्द पूरा करने की तैयारी है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार का खाका भी लगभग तैयार हो चुका है।
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शीर्ष नेतृत्व की सक्रियता से बढ़ी हलचल
राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद प्रदेश सरकार और संगठन में गतिविधियां तेज हो गई हैं। पिछले तीन महीनों से निगम-मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्तियों को लेकर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री आवास की बैठक में क्या तय हुआ
सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय सह-संगठन महामंत्री अजय जामवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद मौजूद थे। इस बैठक में नियुक्तियों और संगठनात्मक संतुलन पर गहन चर्चा हुई।
पहली सूची में ये प्राधिकरण शामिल
बैठक में तय हुआ कि निगम-मंडल, बोर्ड और प्राधिकरणों के साथ-साथ एल्डरमैन और सरकारी कॉलेजों की जनभागीदारी समितियों में भी नियुक्तियां होंगी। पहली सूची में भोपाल, इंदौर और उज्जैन विकास प्राधिकरण के साथ कुछ प्रमुख निगम-मंडल शामिल हो सकते हैं।
एक दर्जन से ज्यादा नामों पर सहमति
करीब पौने दो साल से राजनीतिक नियुक्तियों की प्रतीक्षा कर रहे नेताओं के लिए राहत की खबर है। सत्ता और संगठन के बीच सहमति बनने के बाद एक दर्जन से अधिक नामों पर मुहर लग चुकी है। पहली सूची जल्द जारी होने की संभावना है, जबकि दूसरी सूची भी इसी महीने आ सकती है।
एल्डरमैन नियुक्तियों का बड़ा प्लान
निगम-मंडलों के साथ एल्डरमैन की नियुक्तियां भी की जाएंगी। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर नगर निगम में 12-12 एल्डरमैन बनाए जाएंगे। वहीं अन्य नगर निगमों में 8-8 एल्डरमैन नियुक्त किए जाने की तैयारी है।
नगर पालिका और परिषदों में भी नियुक्तियां
प्रदेश की करीब 70 नगर पालिकाओं में 6-6 एल्डरमैन और लगभग 180 नगर परिषदों में 4-4 एल्डरमैन के नाम तय किए जा रहे हैं। दस लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में अधिक संख्या में एल्डरमैन नियुक्त किए जा सकते हैं।
सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेगा इनाम
इन नियुक्तियों के जरिए संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की रणनीति है। लंबे समय से सक्रिय कार्यकर्ता, टिकट से वंचित नेता और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए नेताओं को इन पदों के जरिए जिम्मेदारी दी जा सकती है। इससे संगठनात्मक असंतोष को भी कम करने की कोशिश होगी।
जिला कार्यकारिणी से वंचित नेताओं पर फोकस
करीब 40 जिलों की कार्यकारिणी घोषित हो चुकी है। जिन नेताओं को जिला कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली, उन्हें एल्डरमैन और अन्य नियुक्तियों के जरिए संतुलित करने की तैयारी है। पार्टी इसे रणनीतिक कदम मान रही है।
300 कॉलेजों में जनभागीदारी समितियां
इसी क्रम में प्रदेश के लगभग 300 सरकारी कॉलेजों में जनभागीदारी समितियों के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। इससे स्थानीय स्तर पर संगठन और सरकार दोनों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार
मंत्रिमंडल में बदलाव की अटकलें भी तेज हो गई हैं। विभागवार समीक्षा के बाद मंत्रियों की ‘मार्कशीट’ तैयार कर ली गई है। बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन मंत्रियों की परफॉर्मेंस से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हैं।
हाईकमान तक पहुंचेगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री और संगठन के वरिष्ठ नेताओं के बीच मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर लंबा मंथन हुआ है। इस रिपोर्ट को हाईकमान को भेजने का फैसला लिया गया है। इसमें मंत्रियों के कामकाज, बयान, व्यवहार और विभागीय पकड़ जैसे बिंदु शामिल हैं।
निजी एजेंसियों की रिपोर्ट भी आधार
पार्टी हाईकमान ने अपने स्तर पर भी निजी एजेंसियों से सर्वे और रिपोर्ट तैयार करवाई है। इसमें मंत्रियों की छवि और कार्यशैली को परखा गया है। कुछ मंत्रियों के विवादास्पद बयानों को लेकर नेतृत्व नाराज बताया जा रहा है।
जनवरी में मंत्रिमंडल विस्तार तय
सूत्रों के अनुसार, मोहन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार जनवरी में होगा। खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस बात के संकेत दे चुके हैं। विस्तार और फेरबदल में सात से आठ नए चेहरे शामिल हो सकते हैं।
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कुछ मंत्रियों की कुर्सी पर खतरा
बताया जा रहा है कि पांच से छह मंत्रियों को बदला जा सकता है। कुछ के विभागों में फेरबदल भी संभव है। एक वरिष्ठ मंत्री की विभाग पर कमजोर पकड़ और विवादित बयानों को लेकर संगठन असंतुष्ट है।
सीनियर विधायकों को मिल सकता है मौका
फिलहाल मुख्यमंत्री समेत 30 मंत्री मंत्रिमंडल में हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से अभी चार से पांच नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। जनवरी के विस्तार में दो सीनियर विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना मजबूत मानी जा रही है।
मोहन सरकार के दो साल पूरे होने के बाद अब प्रदेश की राजनीति पूरी तरह मिशन मोड में आ गई है। राजनीतिक नियुक्तियां, संगठनात्मक संतुलन और मंत्रिमंडल विस्तार-तीनों मोर्चों पर बड़े फैसलों की आहट साफ सुनाई दे रही
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