एमपी में सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस न लेने पर तहसीलदार ने भेजा जेल, जानें पूरा मामला

सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस न लेने पर तहसीलदार ने आश्मां बी और उनके परिवार को जेल भेजने का आदेश दिया। शासकीय कार्य में बाधा डालने और जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज किया गया।

author-image
Anjali Dwivedi
New Update
cm helpline
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

MP News: एमपी में सीएम हेल्पलाइन का मकसद जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान करना है, लेकिन हाल ही में यह सेवा एक समस्या बन गई। मामला मंदसौर के सीतामऊ तहसील के कयामपुर का है। यहां तहसीलदार सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत वापस न लेने पर आवेदक को जेल भेज दिया। 

बंटवारे में देर को लेकर की थी शिकायत

पिपलिया मंडी निवासी आश्मां बी ने अपने पैतृक भूमि के बंटवारे में हो रही देरी को लेकर 6 महीने पहले सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। इस मामले का निपटारा पिछले ढाई साल से कयामपुर के टप्पा तहसील न्यायालय में लंबित था। अभी हाल ही में तारीख लगी, तो आश्मां बी अपने बेटे शाहरुख (28 वर्ष) और भतीजे जुनैद (19 वर्ष) के साथ तहसीलदार की कोर्ट में उपस्थित थी।

आश्मां बी ने तहसीलदार से कहा, साहब, पिछले ढाई साल से हमारे मामले का निपटारा नहीं हुआ। तब तहसीलदार ने जवाब दिया, अगर सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस ले लें तो मैं अभी इसे निपटा दूंगा। लेकिन आश्मां बी ने कहा, काम होने के बाद ही शिकायत वापस लूंगी। यह सुनते ही तहसीलदार गुस्से में आ गए और उन्होंने तुरंत आदेश दिया कि आश्मां बी और उनके परिवार को जेल भेज दिया जाए।

ये भी पढ़ें...रिलायंस ट्रेंड्स पर 25 हजार का जुर्माना, 999 की जींस 1299 रुपए में बेची, उपभोक्ता फोरम ने की कार्रवाई

आश्मां बी के परिवार पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप

तहसीलदार रमेश मसारे ने आश्मां बी, उनके बेटे शाहरुख और भतीजे के खिलाफ केस दर्ज कराया। आरोप सरकारी काम में बाधा डालने और जान से मारने की धमकी देने के हैं। प्रकरण थाना नाहरगढ़ में दर्ज किया गया है। पुलिस ने तुरंत BNS 132,351(3), 3(5) में मामला दर्ज किया।

सीएम हेल्पलाइन शिकायत मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने एक्स पर ट्वीट किया है। 

ये भी पढ़ें..जांच रिपोर्ट ने खोल दी वीआईटी यूनिवर्सिटी की पोल, छात्रों को परोसा जा रहा था घटिया खाना

मोबाइल जब्त करने का विवाद

थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद आश्मां बी और उनके बेटे ने तहसीलदार से माफी मांगी, लेकिन तहसीलदार ने उनकी एक नहीं सुनी। इसके बाद तहसीलदार ने दोनों लड़कों के मोबाइल जब्त कर लिए और कहा कि जब मर्जी होगी, तब मोबाइल लौटाएंगे।

यह विवाद अब एक सवाल भी उठता है कि तहसीलदार को ऐसा अधिकार किसने दिया। वहीं तहसीलदार रमेश मसारे बताते हैं कि ये मेरा वीडियो बनाने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए मोबाइल जब्त किया है।

ये खबरें भी पढ़ें...

इंदौर नगर निगम का कुत्तों की नसबंदी में भी घोटाला, हाईकोर्ट की फटकार, कहा न्यायिक जांच बैठा देंगे

एमपी में विभागों की बेरुखी के बवंडर में हवा हो गया सरकार का दिव्यांग भर्ती अभियान

आखिरकार क्या हुआ?

आश्मां बी के बेटे शाहरुख गाड़ियों की मरम्मत का काम करते हैं, जबकि भतीजा जुनैद पढ़ाई कर रहा है। इस मामले में तहसीलदार ने गुस्से में आकर न केवल उनके खिलाफ मामला दर्ज किया बल्कि मोबाइल भी जब्त कर लिया।

    MP News सीएम हेल्पलाइन शिकायत सीएम हेल्पलाइन एमपी में सीएम हेल्पलाइन तहसीलदार
    Advertisment