मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के मान्यता नियमों में बदलाव को लेकर स्कूल संचालकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब वे भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव के बंगले का घेराव करने की योजना बना रहे हैं। 10 जनवरी को होने वाला इस घेराव में प्रदेश भर से स्कूल संचालक और स्कूल डायरेक्टर शामिल होंगे।
स्कूल संचालकों का बड़ा आंदोलन
प्रदेश संचालक मंच के कोषाध्यक्ष मोनू तोमर ने बताया कि इस प्रदर्शन में हजारों स्कूल संचालक हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अपने-अपने जिलों के विधायकों से इस संबंध में गुहार लगाई थी, लेकिन सरकार ने मान्यता नियमों को जटिल (Complex) बना दिया है। खासकर, ग्रामीण जिलों में इस बदलाव से स्कूल संचालकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, एफडी अमाउंट में बढ़ोतरी को भी वापस लेने की मांग की जा रही है।
कई स्कूल बंद होने का खतरा
मोनू तोमर ने आगे बताया कि सत्र 2025-26 के लिए मान्यता प्रक्रिया (process) में कई स्कूलों के बंद हो सकते हैं। यदि स्कूल बंद होते हैं, तो वहां काम कर रहे टीचर और कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। इसके अलावा, इससे जुड़े संस्थान भी प्रभावित होंगे और बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा। पहले शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए मान्यता नियमों को लचीला रखा गया था, लेकिन अब इन नियमों में बदलाव से यह खतरा पैदा हो गया है।
किराया नाम और सुरक्षा निधि पर असहमति
मोनू ने बताया कि प्राइवेट स्कूल वेलफेयर संचालक मंच ने फैसला लिया है कि सत्र 2025-26 के मान्यता आवेदन के लिए रजिस्टर्ड किराया नाम और सुरक्षा निधि (fund) जमा नहीं की जाएगी। इससे पहले, प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री, लोक शिक्षण संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इन परेशानियों के बारे में बताया था।
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