/sootr/media/media_files/2025/11/27/mp-public-relations-department-2025-11-27-21-00-52.jpg)
BHOPAL.मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग में गुरुवार सुबह माहौल गर्म हो गया। कई अधिकारी और कर्मचारी बैठक में पहुंचे। उन्होंने सीपीआर दीपक सक्सेना के सामने कड़ा रुख दिखाया। दोपहर से शाम तक चली 3–4 दौर की बैठकों के बाद परिदृश्य बदल गया।
बड़े पदों पर बैठे अफसरों का रुख बदल गया। कुछ अधिकारी सीपीआर सक्सेना के समर्थन में आ गए। यह पलटी कर्मचारियों और अधिकारियों को निराश कर गई। पारदर्शी कार्यप्रणाली के पक्षधर नाराज हो गए। उन्होंने कहा, हम इस बार साथ थे, अगली बार नहीं होंगे।
यह बयान विभाग के भीतर विभाजन और राजनीति को दिखाता है। कुछ अफसर हड़ताल खत्म करने के खिलाफ हैं। कई अधिकारी जायसवाल की पोस्टिंग रद्द करने पर अड़े हैं। वे चाहते हैं कि हड़ताल तब तक समाप्त न हो। यह साफ दिखाता है कि विभाग में मतभेद बढ़ रहे हैं।
ये भी पढ़ें...जनसंपर्क विभाग में बगावत: बाहरी दखल के खिलाफ कलमबंद हड़ताल, सरकार की मुश्किलें बढ़ीं
/sootr/media/post_attachments/404dd047-555.jpg)
हड़ताल फिलहाल स्थगित
आयुक्त के आश्वासन पर अधिकारी संघ, तृतीय वर्ग, चतुर्थ वर्ग और वाहन चालक संघ ने हड़ताल स्थगित की। हड़ताल टलने के बाद विभाग में कामकाज सामान्य होने की उम्मीद है। कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि पारदर्शिता न होने पर कड़े कदम उठाए जाएंगे। विभाग की स्थिति बताती है कि आंतरिक खींचतान और राजनीति खत्म नहीं हुई है। निर्णय प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल अभी भी हैं।
एमपी सरकार के दो साल पूरे होने पर सर्वे में शामिल होने के लिए फोटो पर क्लिक करें...
पुरानी विवादित पोस्टिंग से भड़का विवाद
गणेश कुमार जायसवाल (RAS 2012) की नर्मदापुरम से जनसंपर्क संचालनालय में अपर संचालक पदस्थापना सवालों में रही है। यह मुद्दा पुरानी खबरों में भी सामने आ चुका है। कर्मचारियों में बढ़ रहा असंतोष इसी पृष्ठभूमि से दोबारा भड़क उठा।
27 नवंबर 2025 को विभाग के अधिकारी और कर्मचारी एकजुट हुए। उन्होंने पोस्टिंग के विरोध में कलमबंद हड़ताल शुरू की। इस कदम का असर तुरंत दिखाई दिया। विभागीय कामकाज रुकने लगे।
ये भी पढ़ें...एमपी के पंचायत सचिव की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, सीपीसीटी परीक्षा अनिवार्य
तीन सत्रों में चली लंबी बैठक
आयुक्त जनसंपर्क ने तनाव बढ़ने पर तीन सत्रों में बैठक की। कर्मचारियों और संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत की गई। इन बैठकों में पुरानी घटनाओं, नए आदेशों और चिंताओं पर चर्चा हुई।
सीपीआर दीपक सक्सेना का भरोसा
बैठक के दौरान सीपीआर दीपक सक्सेना ने सभी को आश्वस्त किया कि उनकी सभी आपत्तियों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद कई संगठनों ने नरमी दिखाई। हालांकि कई अधिकारी अब भी संतुष्ट नहीं दिखे।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/11/26/mp-goverment-two-year-2025-11-26-16-41-47.jpeg)