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मप्र लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2025 के जारी हुए नोटिफिकेशन में जहां पदों को लेकर झटका लगा है, वहीं कई नियमों में भी बदलाव कर दिया गया है। पूरी तरह से आयोग ने अंक (नंबर) बताने की प्रक्रिया (प्रोसेस) पर रोक लगाने वाले नियम लगा दिए हैं। इन नए नियमों से 87 फीसदी अभ्यर्थी की कॉपियां देखने और अंक जानने की उम्मीद भी धूमिल हो गई है। हालत यह है कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) में भी कई जानकारी नहीं दी जाएगी।
- प्री कट ऑफ नहीं बताने का लिए नियम
- सूचना के अधिकार में भी जानकारी नहीं देने का नियम
- प्री के सवाल पर आपत्ति पर शुल्क डेढ़ सौ रुपए करने और नॉन रिफंड के लिए नियम
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क्या नियम बदल गए
• अब प्री के कटऑफ अंक जारी नहीं होंगे, जो अभी तक प्री के रिजल्ट के साथ साथ जारी होते थे। अब यह अंक अंतिम रिजल्ट के बाद ही बताए जाएंगे, यानी अंतिम चयन रिजल्ट के बाद।
इसलिए किया यह
दरअसल, बार-बार प्री के सवालों को लेकर कोर्ट में आपत्ति दर्ज की जाती थी, क्योंकि कटऑफ के पास अटके उम्मीदवार याचिका लगाते थे, लेकिन अब उम्मीदवार को पता ही नहीं होगा कि वह कितने अंक से अटके हैं तो याचिका ही नहीं लगा पाएंगे। इससे आयोग को कोई जवाब नहीं देना पड़ेगा। हालांकि, यह नियम यूपीएससी में भी है, वह कट ऑफ अंतिम चयन के बाद देता है। लेकिन यहां समस्या यह है कि पूरी तरह से (पूर्णरूपेण) अंतिम चयन साफ ही नहीं, क्योंकि 13 फीसदी के रिजल्ट होल्ड है।
• पूरी तरह से (मूल व प्रोवीजनल रिजल्ट का अंतिम रिजल्ट) रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही सभी कैटेगरी के कटऑफ और इंटरव्यू से संबंधित स्कोर कार्ड आयोग की वेबसाइट पर जारी होंगे।
क्या मायने हैं इसके
पूरी तरह से (पूर्णरूपेण) यानी जब तक 13 फीसदी का फैसला नहीं हो जाता है, तब तक इस नियम में बदलाव से यह असर होगा कि जो 87 फीसदी की कॉपियां दिखाने की बात चल रही थी वह अब खतरे में हैं। क्योंकि जब तक सौ फीसदी का रिजल्ट नहीं आता, तब तक वह ऐसा नहीं करने के लिए इस नियम के साथ स्वतंत्र हो गया है।
सूचना के अधिकार में भी नहीं देगा जानकारी
यह भी बड़ा असर- यह भी किया गया है कि अंतिम पूर्णरूपेण यानी 100 फीसदी रिजल्ट होने तक अंक संबंधी किसी भी सूचना के अधिकार से संबंधित आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। अभी इसी नियम के तहत ही आवेदक अपनी कॉपियां देखता है और अंक जानता है। यह अब नहीं होगा।
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अब प्री की आपत्ति शुल्क का रिफंड भी नहीं होगा
द सूत्र ने मुद्दा उठाया था कि नियम होने के बाद भी आयोग प्री की आपत्ति सही होने पर उम्मीदवार को राशि रिफंड नहीं करता है। अब इसके लिए तो नियम ही बना दिया गया है। इसके तहत अब आयोग प्री के सवाल पर लगी आपत्ति सही पाए जाने के बाद भी कोई शुल्क रिफंड नहीं करेगा। वहीं अब आपत्ति शुल्क प्रति सवाल 100 की जगह 150 रुपए कर दिया गया है जो नॉन रिफंडेबल होगा। यानी आयोग की कमाई और बढेगी और उन्हें प्री के सवाल गलत बनाए जाने के बाद भी किसी तरह का रिफंड आपत्तिकर्ता उम्मीदवार को नहीं करना होगा।
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