मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियां सामने आई हैं। गरीब और पात्र लाभार्थी वर्षों से आवास का इंतजार कर रहे हैं, जबकि अपात्रों को योजना का लाभ मिल रहा है। पंचायत स्तर पर कमीशन के आरोप भी सामने आए हैं।
पीएम ग्रामीण आवास योजना में गड़बड़ी
राजगढ़ जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिससे पात्र लाभार्थियों को उनके हक का आवास नहीं मिल पा रहा है। सारंगपुर जनपद पंचायत के तहत 98 ग्राम पंचायतों में 2024-25 के लिए कुल 4105 पीएम ग्रामीण आवास स्वीकृत किए गए हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
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भूमका ग्राम पंचायत में रिश्वतखोरी का आरोप
भूमका ग्राम पंचायत में आरोप है कि सरपंच पति दुर्गाप्रसाद नागर ने प्रति व्यक्ति दस हजार रुपए की रिश्वत ली। भगवान सिंह नामक शिकायतकर्ता ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई कि 24 आवासों में से 15 आवास अपात्र लाभार्थियों को दिए गए, जिनके पास पहले से दो मंजिला मकान, कार, और ट्रैक्टर जैसे संपत्ति हैं। उन्होंने 15 अपात्र लाभार्थियों के नाम भी बताए और कहा कि अगर शिकायत झूठी साबित होती है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
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सरपंच का विरोध और जांच जारी
सरपंच ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि यह सब पुरानी दुश्मनी का परिणाम है। वहीं, पंचायत सचिव संजय सिंह तोमर ने पुष्टि की कि अपात्र लाभार्थियों की जांच जारी है।
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पंजीकरण में अनियमितताएं
सारंगपुर जनपद पंचायत के 98 ग्राम पंचायतों में 2024-25 के लिए 4105 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 2000 अनुसूचित जाति और जनजाति और 2105 सामान्य वर्ग के लिए हैं। हालांकि, 10726 हितग्राही पंजीयन करवा चुके हैं, जिनमें से केवल 4105 को आवास का लक्ष्य तय किया गया है।
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आवास स्वीकृति में असमानता
कुछ ग्राम पंचायतों में अधिक आवास स्वीकृत किए गए हैं, जबकि कुछ में बेहद कम संख्या में आवास स्वीकृत हुए हैं। उदाहरण के तौर पर, ग्राम पंचायत कांकरिया में सबसे अधिक 107 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जबकि बारोल पंचायत में केवल एक आवास स्वीकृत हुआ है। इससे अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
5 प्वाइंट में समझिए पूरा मामला
✅ मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियां सामने आई हैं। जिसमें पात्र लाभार्थियों को आवास नहीं मिल रहे हैं, जबकि अपात्रों को योजना का लाभ मिल रहा है।
✅ भूमका ग्राम पंचायत के सरपंच पति दुर्गाप्रसाद नागर पर आरोप है कि उन्होंने प्रति व्यक्ति दस हजार रुपए की रिश्वत ली। शिकायतकर्ता ने बताया कि 24 आवासों में से 15 अपात्र लाभार्थियों को दिए गए।
✅ सरपंच ने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि यह पुरानी दुश्मनी का परिणाम है। वहीं, पंचायत सचिव ने अपात्र लाभार्थियों की जांच जारी रहने की पुष्टि की है।
✅ सारंगपुर जनपद पंचायत में 2024-25 के लिए 4105 आवास स्वीकृत हुए हैं, जबकि 10726 हितग्राही पंजीकरण करवा चुके हैं।
✅ कुछ ग्राम पंचायतों में अधिक आवास स्वीकृत किए गए हैं, जबकि कुछ में बेहद कम स्वीकृत हुए हैं।