ये भी गजब : वरिष्ठ विधायक कमल पटेल की सांसद प्रतिनिधि के रूप में नियुक्ति, जानें क्यों स्वीकारी ये जिम्मेदारी

पूर्व मंत्री कमल पटेल को हरदा जिले का सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। राजनीतिक खींचतान के चलते उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। पटेल ने इसे स्वीकार कर जिले के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्णय लिया है।

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Pratibha ranaa
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कमल पटेल
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पूर्व मंत्री कमल पटेल ( Former minister Kamal Patel ) को केंद्रीय राज्यमंत्री और बैतूल सांसद दुर्गादास उइके ने हरदा जिले का सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया है। पांच बार विधायक रह चुके पटेल की इस नई जिम्मेदारी ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को जन्म दिया है। इसे राजनीतिक खींचतान और जिले में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास माना जा रहा है। हालांकि सांसद प्रतिनिधि का पद अपेक्षाकृत कम प्रतिष्ठित माना जाता है, फिर भी पटेल ने इसे स्वीकार किया है।

जिले के विकास में सक्रिय भूमिका

हरदा नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा की भारती राजू कमेडिया की जीत के बाद यह जरूरी हो गया कि कमल पटेल जिले के विकास कार्यों और योजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाएं। बता दें कि इससे पहले, सांसद प्रतिनिधि का पद राजू के पति के पास था, जो जिला योजना बैठकों का संचालन कर रहे थे। दूसरी तरफ पटेल पहले भी 2014 से 2018 तक इस भूमिका में रह चुके हैं और इस बार फिर से इसे स्वीकार कर किया है। 

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भाजपा के अंदरूनी संघर्ष और पटेल की स्थिति

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भाजपा के अंदरूनी संघर्षों को समाप्त करने और जिले की राजनीति में पटेल की पकड़ को पुनः मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि विपक्ष इस नियुक्ति पर सवाल उठा रहा है। उसका मानना है कि पटेल जैसे वरिष्ठ नेता को कम प्रतिष्ठित पद देना भाजपा की अंदरूनी राजनीति का हिस्सा है।

पटेल ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार कर यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी प्रकार की भूमिका निभाकर जिले के विकास में योगदान देने के लिए तैयार हैं। इससे न केवल जिले की राजनीति में उनकी सक्रियता बढ़ेगी, बल्कि पार्टी के अंदर उनकी स्थिति भी मजबूत होगी।

दो बार मंत्री रह चुके हैं कमल पटेल

बाबूलाल गौर के नेतृत्व वाली सरकार में पटेल को 1 जून 2005 से चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था। बाद में उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया और शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राजस्व, धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती, और पुनर्वास विभागों का प्रभार दिया गया। 21 अप्रैल 2020 को वह फिर से कैबिनेट मंत्री बनाए गए।

  • 1989 - मध्य प्रदेश भाजपा राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य।
  • 1993 – हरदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
  • 1998 – हरदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
  • 2003 – हरदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
  • 2005 - 1 जून 2005 से चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
  • 2008 – हरदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गये।
  • 2009 - कैबिनेट मंत्री और राजस्व, धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती, और पुनर्वास विभागों का प्रभार दिया गया
  • 2013 - विधानसभा चुनाव हार गए। 
  • 2018 - हरदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए। 

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