लोकसभा चुनाव में 7 मई को वोटिंग के दौरान अपने पोते और मोबाइल के साथ मतदान केंद्र के अंदर जाने के मामले में पूर्व मंत्री कमल पटेल के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी आदित्य सिंह ने संबंधित थाने को निर्देश दिए हैं। बता दें कि इस मामले में निर्वाचन आयोग को शिकायत की गई थी। मामला दिल्ली तक पहुंचने के बाद अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। स्थानीय स्तर पर मामला 7 मई को ही उजागर होने के बाद भी प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई थी। 11 मई को जब मामला thesootr ने उजागर किया, तब जाकर जिम्मेदार सक्रिय हुए और पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया। बता दें इससे पहले भोपाल में बीजेपी के जिला पंचायत सदस्य ने भी इसी तरह मतदान केंद्र में जाकर अपने बेटे से वोट डलवाया था। उस पर भी एफआईआर दर्ज की गई थी।
यह है मामला
दरअसल 7 मई को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान था। इस दौरान भोपाल और बैतूल लोकसभा में भी मतदान था। हरदा में पूर्व मंत्री कमल पटेल अपने पोते और पत्नी के साथ शासकीय पोलीटेक्नीक पर पहुंचे और मतदान किया। उन्होने मतदान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। जिसमें उनका पोता भी नजर आ रहा है। पटेल ने वोटिंग करते हुए जो तस्वीर शेयर की है, उसमें भी पोते के पैर दिखाई दे रहे हैं। यानी उनका पोता EVM मशीन तक गया था।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर आदर्श चुनाव संहिता के तहत हरदा के कोतवाली थाने में पूर्व मंत्री कमल पटेल पर निम्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है।
- 128- मतदान केंद्र की अंदर की गोपनीयता भंग करना
- 130, 1B- मतदान केंद्र पर आचरण ठीक नहीं रखना
- 130- मतदान केंद्र के भीतर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स लेकर जाना
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भोपाल में भी ऐसा होने पर हुई कड़ी कार्रवाई
पूरी खबर देखिए
बता दें कि 7 मई को ही भोपाल में BJP के जिला पंचायत सदस्य ने अपने बेटे से वोटिंग करवाने का वीडियो शेयर किया था। इस मामले में चुनाव आयोग में शिकायत होने के बाद न केवल जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई थी, बल्कि पूरी की पूरी पोलिंग पार्टी को सस्पेंड भी किया गया था।
दो बार मंत्री रह चुके हैं कमल पटेल
बाबूलाल गौर के नेतृत्व वाली सरकार में पटेल को 1 जून 2005 से चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था। बाद में उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया और शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राजस्व, धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती, और पुनर्वास विभागों का प्रभार दिया गया। 21 अप्रैल 2020 को वह फिर से कैबिनेट मंत्री बनाए गए।
- 1989 - मध्य प्रदेश भाजपा राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य।
- 1993 – हरदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
- 1998 – हरदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
- 2003 – हरदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
- 2005 - 1 जून 2005 से चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
- 2008 – हरदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गये।
- 2009 - कैबिनेट मंत्री और राजस्व, धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती, और पुनर्वास विभागों का प्रभार दिया गया
- 2013 - विधानसभा चुनाव हार गए।
- 2018 - हरदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए।
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बेटे का भी रहा है विवादों से नाता
कृषि मंत्री व कमल पटेल के छोटे बेटे सुदीप पटेल पर सिटी थाना में 2023 में FIR दर्ज की गई। पूर्व विधायक व कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी रामकिशोर दोगने की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। पुलिस ने सुदीप पर भादंसं की धारा 188, 507 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की है।
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कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर भी होगी FIR
पूर्व मंत्री कमल पटेल और जिला पंचायत सदस्य, भोपाल विनय मेहरा के बाद अब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर भी FIR दर्ज होगी। मसूद अपने बेटे को पोलिंग बूथ के भीतर, EVM मशीन तक ले गए थे। वोटिंग के दौरान, आरिफ मसूद और उनके बेटे की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। आरिफ मसूद पर FIR दर्ज किए जाने की जानकारी चुनाव आयोग ने दी है।
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