संजय गुप्ता @ INDORE. इंदौर लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha elections 2024 ) में कांग्रेस की इंट्री हो गई है। चुनाव में कोई प्रत्याशी नहीं होने के चलते इस बार कांग्रेस नेताओं के कोई पोलिंग एजेंट नहीं नियुक्त हुए, यानि इन्हें मतदान केंद्र और मतगणना स्थल दोनों जगह पर इंट्री नहीं मिलेगी। इसी का तोड़ कांग्रेस ने अब केतली के जरिए निकाल लिया है।
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केतली से इस तरह निकला जुगाड़
चुनाव में इंट्री के लिए कांग्रेस ने रजिस्ट्रीकृत राजनीतिक दल अखिल भारतीय परिवार पार्टी के प्रत्याशी पवन कुमार से समझौता किया है। कुमार की ओर से कांग्रेस अपने पोलिंग एजेंट हर मतदान केंद्र पर नियुक्ति कर रही है। यह नेता कांग्रेस के हैं और पोलिंग एजेंट बनेंगे केतली यानि अखिल भारतीय परिवार पार्टी के।
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बीजेपी पर रखेंगे नजर, नोटा का करेंगे प्रचार
कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने कहा कि हमे आशंका है कि जिस तरह कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम को उन्होंने अपनी ओर लिया है, उसी तरह चुनाव मे मतदान के दौरान भी बीजेपी फर्जी वोटिंग कराकर गड़बड़ी करा सकती है। लोग खुद नोट का पर वोट डालना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें रोका जाएगा। इसलिए अब हम अखिल भारतीय परिवार पार्टी की ओर से पोलिंग एजेंट बनेंगे औऱ् सभी पोलिंग बूथ पर हमारे एजेंट बैठेकर पूरी चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।
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क्या है पोलिंग एजेंट के नियम
चुनाव के दौरान किसी भी राजनीतिक दल को अलग से कोई अधिमान्य कार्ड, पास जारी नहीं होते हैं, जब तक कि उनका प्रत्याशी चुनाव में नहीं हो। प्रत्याशी ही हर बूथ पर अपने पोलिंग एजेंट बना सकता है। इसके चलते कांग्रेस को किसी भी तरह के कार्ड जारी नहीं हो रहे थे। इसके चलते ना वह मतदान केंद्र पर जा सकते हैं और ना ही मतगणना स्थल पर। ऐसे में कांग्रेस ने यह समझौता किया और अब पवन कुमार प्रत्यशी के पोलिंग एजेंट बनकर यह कांग्रेसी चुनाव पर नजर रखेंगे।
सभी केंद्रों पर सीसीटीवी की रखी थी मांग
इसके पहले निगम मेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे व चड्ढा ने मिलकर कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात कर सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी लगाने की मांग की थी। लेकिन कलेक्टर ने चुनाव आयोग के 61 फीसदी केंद्रों पर सीसीटीवी का नियम बताकर इसे खारिज कर दिया था। जिले के 61 फीसदी केंद्रों पर सीसीटीवी की व्यवस्था की गई है।
मामला बीजेपी VS नोटा का
इंदौर में पूरा चुनाव बीजेपी और नोटा के बीच सिमट गया है। कांग्रेस ने प्रत्याशी का अपहरण होने और लोकतंत्र की हत्या होने का मुद्दा उठाते हुए नोटा पर वोट डलवाने का अभियान छेड़ दिया है। इसके लिए लगातार दस दिन से प्रचार चल रहा है। रैली, धरना, मशाल रैली सभी कुछ कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस नोटा में रिकार्ड बनाकर संदेश देना चाहती है कि भले ही बीजेपी जीत जाए लेकिन जीत दागदार होगी। उधर बीजेपी बमकांड के बाद फायदे की जगह नुकसान में अधिक आ गई है और हालत यह है कि सभी बड़े नेता डिफेंस में आ गए हैं और नोटा को खारिज करने की अपील कर रहे हैं, वहीं उनके ही प्रत्याशी अक्षय बम जिसे बीजेपी ने लिया है, उसे खोटा सिक्का बता रहे हैं।