स्कूल में पेंट घोटाले पर प्रिंसिपल सस्पेंड, शिक्षा मंत्री उदय प्रताप ने की कार्रवाई

24 लीटर पेंट के लिए 443 मजदूर और 3.38 लाख का बिल घोटाला सामने आने पर शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई की है। शहडोल के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है।

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Rohit Sahu
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शहडोल जिले के ब्यौहारी ब्लॉक के दो स्कूलों में पेंटिंग घोटाला सामने आने के बाद अब विभाग नींद से जागा है। इन दो स्कूलों में पेंट कराने के लिए 24 लीटर पेंट खरीदा गया था। पेंट के काम के लिए स्कूल प्रिंसपल ने 443 मजदूर और 215 मिस्त्री कागजों में दिखाकर इनके पेमेंट कराने के नाम पर 3.38 लाख रुपए सरकारी खजाने से निकलवाए। 

यह पूरा मामला जनसंरक्षण भत्ते के मरम्मत कार्य के अंतर्गत हुआ है। बिलों की कॉपी सामने आने के बाद विवाद गहराया। मामला शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप तक पहुंच गया। अब इस मामले में हाई स्कूल सकंदी के प्रिंसिपल सुग्रीव शुक्ला को तत्काल सस्पेंड कर दिया है।

जांच शुरू प्रिंसिपल सस्पेंड

शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव व आयुक्त लोक शिक्षण को तत्काल जांच के निर्देश दिए गए थे। प्राथमिक जांच में प्राचार्य दोषी पाए गए, इसलिए सस्पेंड कर दिया गया। 

सकंदी स्कूल में 4 लीटर पेंट के लिए 168 मजदूर लगे

सकंदी हाई स्कूल में 784 रुपए के 4 लीटर ऑयल पेंट पर 168 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाए गए। इस कार्य के लिए 1 लाख 6,984 का भुगतान किया गया। यह आंकड़े खुद स्कूल से जारी बिल से सामने आए हैं, जिस पर प्राचार्य और DEO के हस्ताक्षर मौजूद हैं।

निपानिया स्कूल में 20 लीटर पेंट पर 2.31 लाख खर्च

दूसरा मामला निपानिया के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। यहां 20 लीटर पेंट खरीदा गया, जिसके एवज में 275 मजदूर और 150 मिस्त्री कार्यरत दिखाए गए। उन्हें 2 लाख 31 हजार 650 का भुगतान किया गया। रंगाई के इस काम में दरवाजे और खिड़कियों की पेंटिंग भी शामिल थे।

एक ही ठेकेदार, एक ही दिन बनाए बिल, दोनों पर सरकारी मुहर

इन दोनों स्कूलों के मरम्मत कार्य का ठेका सुधाकर कंस्ट्रक्शन नामक ठेकेदार को दिया गया। दिलचस्प बात ये है कि दोनों स्कूलों के बिल 5 मई को ही बनाए गए हैं, और दोनों पर स्कूल प्रिंसिपल और DEO के साइन के साथ सरकारी सील भी लगी हुई है।

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DEO ने दी सफाई

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए DEO फूल सिंह मारपाची ने कहा कि हमने जांच शुरू करवा दी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि बिलों पर आपके हस्ताक्षर क्यों हैं, तो उन्होंने कहा कि जो बिल वायरल हुए हैं वो अधूरे हैं। बिलों का दूसरा हिस्सा मेरे पास है, जांच के कारण पूरा बिल सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। 

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