राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त द्वारा की गई बिजली बिल माफ करने की मांग को खारिज कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर जवाब दिया है। जिसमें नियमों का हवाला देते हुए यह फैसला सुनाया है कि सूचना आयुक्तों का बिजली बिल माफ नहीं किया जा सकता है। बता दें राज्य सूचना आयोग ने इस बारे में सरकार से मार्गदर्शन मांगा था, जिसे सरकार ने नियमों का हवाला देकर इनकार कर दिया
केंद्र के नियमों का दिया हवाला
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी जवाब में कहा गया है कि केंद्र सरकार की अधिसूचना दिनांक 24 अक्टूबर 2019 के अध्याय IV के अनुसार राज्य सूचना आयुक्तों को केवल निर्धारित वेतन ही दिया जाएगा। इसमें किसी प्रकार की अतिरिक्त सुविधा या लाभ शामिल नहीं है।
/sootr/media/media_files/2025/04/10/jz0B9vOCLxJwZTPxlXSX.jpeg)
विधि विभाग के नोटिफिकेशन का किया जिक्र
नोटिफिकेशन में साथ ही, मध्यप्रदेश विधि और विधायी कार्य विभाग के 15 मार्च 2024 के राजपत्र का हवाला देते हुए भी स्पष्ट किया गया कि न्यायाधीशों को भी बिजली शुल्क की प्रतिपूर्ति नहीं दी जाती। इसलिए सूचना आयुक्तों को यह सुविधा देना नियमों के अनुरूप नहीं है।
आयोग ने मांगा था मार्गदर्शन
सूचना आयोग की ओर से राज्य सूचना आयुक्त ओंकार नाथ के माध्यम से सरकार से यह पूछा गया था कि क्या उनके बिजली बिल का भुगतान सरकार द्वारा किया जा सकता है। हालांकि इसके जवाब में विभाग ने नियमों की व्याख्या करते हुए इससे इनकार कर दिया।
यह भी पढ़ें: घरेलू कनेक्शन के बिजली बिलों में 566 रुपए भरेगी सरकार, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
यह भी पढ़ें: महंगाई का करंट, बिजली के दाम बढ़ने के साथ सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज में कटौती
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें