मध्य प्रदेश सरकार ने लंबे इंतजार के बाद ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) का नया पोर्टल लॉन्च कर ( mp tdr portal launch ) दिया है। इस पोर्टल के माध्यम से, अगर किसी सरकारी परियोजना या सड़क के लिए जमीन दी गई है और अनुमति निर्माण सीमा से 30% अधिक निर्माण हुआ है, तो भूमि मालिक टीडीआर (TDR) खरीदकर अतिरिक्त निर्माण को वैध करवा सकते हैं।
इस एफएआर (FAR) सर्टिफिकेट का उपयोग अन्य स्थानों पर निर्माण के लिए किया जा सकता है या इसे बिल्डर-डेवलपर को बेचकर आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
ये खबर भी पढ़िए...News Strike : कमलेश शाह को अब तक क्यों नहीं मिला मंत्री पद, सामने आई बड़ी वजह !
भोपाल और इंदौर में टीडीआर का फायदा
भोपाल (Bhopal) और इंदौर (Indore) जैसे शहरों में जहां भारी निर्माण हो चुका है, इस पोर्टल की सहायता से अतिरिक्त निर्माण को वैध किया जा सकेगा। हाल ही में नगरीय प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया था कि नगरीय निकायों में 30% तक अतिरिक्त निर्माण को वैध किया जा सकता है।
इस आदेश के अनुसार, टीडीआर (TDR) का एफएआर इन मामलों में बहुत सहायक साबित होगा। मुख्यमंत्री ने सीएम आवास (CM Residence) में आयोजित एक कार्यक्रम में टीडीआर पोर्टल को लॉन्च किया और इंदौर के 5 लाभार्थियों को टीडीआर सर्टिफिकेट दिया।
टीडीआर का ट्रेडिंग सिस्टम
इस नई व्यवस्था के तहत, यदि किसी सरकारी परियोजना में जमीन का उपयोग हुआ है और उस पर निर्माण नहीं करना चाहते, तो टीडीआर सर्टिफिकेट को ऑनलाइन शेयर (Share) की तरह ट्रेड किया जा सकता है। पूरी एफएआर को बेचना अनिवार्य नहीं है, न्यूनतम 50 यूनिट भी ट्रेड की जा सकती हैं।
हाई राइज स्ट्रक्चर और मेट्रो
मेट्रो कारपोरेशन (Metro Corporation) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर काम किया जा रहा है, जिसमें सार्वजनिक परिवहन के आसपास उच्च ऊंचाई वाले रिहायशी और व्यावसायिक संरचनाएं बनानी हैं। इस काम के लिए एफएआर की आवश्यकता होगी। मेट्रो ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें मेट्रो लाइन के साथ हाई राइज बिल्डिंग्स बनाने की योजना है।
आवश्यकता और सुधार
भोपाल (Bhopal) जैसे विकासशील शहरों के लिए एफएआर की आवश्यकता बढ़ रही है, जो टीडीआर (TDR) के माध्यम से उपलब्ध हो सकता है। सुईश कुलश्रेष्ठ (Suyash Kulshresth), सीनियर अर्बन प्लानर के अनुसार, मध्य प्रदेश भूमि विकास नियमों में संशोधन की जरूरत है ताकि ग्राउंड कवरेज और बिल्डिंग हाइट की सीमाएं समाप्त की जा सकें। नितिन अग्रवाल (Nitin Agarwal), स्टेट चेयरमैन, क्रेडाई (CREDAI) ने भी इस संबंध में सुझाव दिए हैं।