MP में अब टूरिस्ट गाइड की जरूरत नहीं, QR कोड देगा पर्यटन स्थल की पूरी जानकारी

मध्य प्रदेश में अब पर्यटन स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे, ताकि पर्यटक क्यूआर कोड स्कैन करते ही आसानी से उन स्थलों की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके तहत महाकाल लोक में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। जानें डिटेल

author-image
Vikram Jain
एडिट
New Update
mp tourism mahakal lok QR code high tech
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही हाईटेक पर्यटन के दूसरे चरण की शुरुआत करने जा रही है। इसके तहत, पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को उन स्थलों की पूरी जानकारी मोबाइल के जरिए मिल सकेगी। उज्जैन महाकाल लोक में क्यूआर कोड (QR Code) के जरिए पर्यटकों को जानकारी मिलने की शुरुआत होगी, और इसके बाद अन्य देवलोक और कॉरिडोर में भी इसे अपनाया जाएगा। यह कदम पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाएगा और गाइड की आवश्यकता को खत्म करेगा।

महाकाल लोक से क्यूआर कोड की शुरुआत

मध्य प्रदेश में सरकार ने क्यूआर कोड के जरिए पर्यटन स्थलों पर पूरी जानकारी देने के लिए कदम उठाया है। जिससे पर्यटकों को अपनी यात्रा में मदद मिलेगी। महाकाल लोक में इस योजना की शुरुआत होगी, अब सरकार महाकाल लोक में क्यूआर कोड बनाकर लगाएगी। जिसके बाद इसे अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी लागू किया जाएगा। यह कदम पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें...

रामराजा की नगरी ओरछा को मिलेगी वैश्विक पहचान, 25 करोड़ से पर्यटन सुविधाओं का होगा विकास

धार्मिक स्थलों की मिलेगी जानकारी

अब पर्यटन स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे, ताकि पर्यटक क्यूआर कोड स्कैन करते ही आसानी से उन स्थलों की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके तहत महाकाल लोक में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे, जिसके जरिए पर्यटकों को महाकाल मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों के बारे में जानकारी मिलेगी। क्यूआर कोड से पर्यटकों को संत-देवी-देवताओं के बारे में जानकारी मिलेंगी। क्यूआर कोड से पर्यटक महाकाल लोक की ऐतिहासिक महत्व, संतों की जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण तथ्य जान सकेंगे। इसके अलावा, अन्य धार्मिक स्थलों और देवलोक में भी इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें...

राजा भोज के जमाने की 14 प्राचीन बावड़ियों का होगा उन्नयन, भोपाल नगर निगम ने तैयार किया प्लान

क्यूआर कोड से गाइड की जरूरत होगी खत्म

मध्य प्रदेश में अधिकांश धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर गाइड की व्यवस्था नहीं है। क्यूआर कोड के जरिए यह समस्या समाप्त हो जाएगी क्योंकि पर्यटकों को मोबाइल पर ही विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। इससे उन स्थलों पर गाइड की कमी भी पूरी हो जाएगी, जहां गाइड उपलब्ध नहीं होते हैं।

मध्य प्रदेश में पर्यटन में तेजी से बढ़ोतरी

मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन में तेजी से वृद्धि हुई है। 2024 में राज्य में 13.33 करोड़ पर्यटक आए, जिनमें से 13.31 करोड़ घरेलू थे, जबकि 1.67 लाख विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। इस बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अब पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है।

ये खबर भी पढ़ें...

अवमानना मामला: हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर को दिया सख्त आदेश, कोर्ट में खुद पेश होकर दें जानकारी

तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाएगा पर्यटकों का अनुभव

मध्य प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि सरकार पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। देशवासियों के साथ ही विदेशियों को भी मध्य प्रदेश खूब भा रहा है।  क्यूआर कोड और वर्चुअल टूर जैसी पहल इसकी शुरुआत है। इन कदमों से न केवल पर्यटकों का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि वे अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे, जिससे उनकी यात्रा और भी यादगार बनेगी।

ये खबर भी पढ़ें...

ग्वालियर हाईकोर्ट का अहम फैसला, पराई औरत से संबंध का आरोप पति के खिलाफ क्रूरता

5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला 

✅ मध्य प्रदेश में क्यूआर कोड के जरिए पर्यटन स्थलों पर जानकारी दी जाएगी, जिससे पर्यटकों को गाइड की जरूरत नहीं पड़ेगी।

✅ महाकाल लोक में क्यूआर कोड के जरिए पर्यटकों को महाकाल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।

✅ पर्यटन में तेजी से वृद्धि हुई है, 2024 में 13.33 करोड़ पर्यटक आए थे।

✅ क्यूआर कोड की व्यवस्था अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों और देवलोक में भी लागू की जाएगी।

✅ सरकार ने डिजिटल तकनीकों से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्यूआर कोड और वर्चुअल टूर जैसी पहलें शुरू की हैं।

 एमपी पर्यटन | उज्जैन महाकाल मंदिर | mp tourism | उज्जैन न्यूज | संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी

मध्य प्रदेश एमपी पर्यटन महाकाल लोक उज्जैन महाकाल मंदिर mp tourism क्यूआर कोड QR code उज्जैन न्यूज संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी