एमपी के यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भागवत गीता, मिलेंगे 3 क्रेडिट अंक

एमपी सरकार ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में श्रीमद्भागवत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया है। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को तीन क्रेडिट अंक मिलेंगे और कक्षाएं ऑनलाइन संचालित होंगी।

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Sandeep Kumar
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shrimad bhagvat geeta
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मध्यप्रदेश सरकार ने यूनिवर्सिटी और कॉलेज में श्रीमद्भागवत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। गीता के 18 अध्यायों को 5 भागों में बांटा जाएगा, और पाठ्यक्रम हिंदी, अंग्रेजी सहित 13 भाषाओं में उपलब्ध होगा। विद्यार्थियों को तीन क्रेडिट अंक मिलेंगे और वे अपने अनुसार समय और भाषा चुन सकते हैं। यह निर्णय युवाओं में नैतिकता, सांस्कृतिक मूल्यों और भारतीय ज्ञान परंपरा को मजबूत करने के लिए लिया गया है। पाठ्यक्रम का उद्देश्य नई पीढ़ी में ज्ञान और मूल्य आधारित सोच बढ़ाना है।

पाठ्यक्रम की विशेषताएं

अध्यायों का विभाजन: गीता के 18 अध्यायों को पांच भागों में विभाजित किया गया है।

  • कक्षा अवधि: कुल 45 घंटे में पाठ्यक्रम पूरा किया जाएगा।
  • सप्ताह में कक्षाएं: सप्ताह में पांच दिन ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित होंगी।
  • भाषा विकल्प: पाठ्यक्रम हिंदी, अंग्रेजी समेत 13 भाषाओं में उपलब्ध होगा।
  • क्रेडिट अंक: पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों को तीन क्रेडिट अंक दिए जाएंगे।
  • सुविधा अनुसार समय: विद्यार्थी अपने सुविधा अनुसार कक्षा का समय और भाषा चुन सकेंगे।

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प्रशासनिक व्यवस्था

नोडल अधिकारी: सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो पाठ्यक्रम की निगरानी करेंगे।

पंजीयन: विद्यार्थियों का पंजीयन शिक्षा मंत्रालय के स्वयं पोर्टल पर 31 अगस्त तक किया जाना है।

अधिकारियों के निर्देश: विश्वविद्यालय के कुलगुरु और महाविद्यालय के प्राचार्य विद्यार्थियों के पंजीयन के लिए निर्देशित हैं।

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👉 मध्यप्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में श्रीमद्भागवत गीता को स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। 
👉 इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को तीन क्रेडिट अंक मिलेंगे और कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जाएंगी।
👉 श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन विद्यार्थियों में ज्ञान और मूल्य आधारित सोच को बढ़ावा देगा, जिससे वे जीवन में सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे।
👉 इस पहल का उद्देश्य युवाओं में नैतिकता, सांस्कृतिक मूल्यों और भारतीय ज्ञान परंपरा को मजबूत करना है।

नई पीढ़ी में गीता के ज्ञान का विस्तार करना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन गीता पढ़ाई का विचार प्रस्तुत किया। उनका उद्देश्य नई पीढ़ी में गीता के ज्ञान का विस्तार करना है, जो केवल प्रतियोगिताओं तक सीमित न हो।

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क्या बोले उच्च शिक्षा विभाग के सचिव? 

अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा और मूल्य आधारित शिक्षा पर जोर है। श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन विद्यार्थियों में नैतिकता, सांस्कृतिक मूल्यों और भारतीय चिंतन परंपरा की समझ बढ़ाएगा।

स्वयं पोर्टल पर ये पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं...

  1. किशोर स्वास्थ्य
  2. अपना आहार
  3. प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा प्रबंधन
  4. परिचयात्मक नीतिशास्त्र
  5. योग शिक्षक प्रशिक्षण

इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए भी क्रेडिट अंक निर्धारित हैं।

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