भोपाल में अवैध मेफेड्रोन फैक्ट्री का भंडाफोड़, डीआरआई ने की 61.2 किलोग्राम MD जब्त, सात गिरफ्तार

भोपाल में डीआरआई ने 'ऑपरेशन क्रिस्टल ब्रेक' के तहत 92 करोड़ की 61.2 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया। इस कार्रवाई में सात गिरफ्तारी हुई, और सूरत-मुंबई से हवाला के जरिए पैसे भेजे जा रहे थे।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (thesootr)

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भारत में ड्रग्स के कारोबार को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न एजेंसियां निरंतर प्रयासरत हैं। भारतीय राजस्व सूचना निदेशालय ( DRI ) ने एक महत्त्वपूर्ण ऑपरेशन चलाया, जिसका कोड नाम "ऑपरेशन क्रिस्टल ब्रेक" था। 

इस ऑपरेशन के तहत डीआरआई ने भोपाल में एक अवैध मेफेड्रोन ड्रग मैन्युफैक्चरिंग कारखाने का भंडाफोड़ किया और वहां से 92 करोड़ रुपए कीमत की 61.2 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की। साथ ही, इस ऑपरेशन में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

भोपाल ग्रामीण पुलिस फिर फेल

एक बार फिर भोपाल ग्रामीण पुलिस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी 2023 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भोपाल के पास बगरोदा में एक बंद फैक्ट्री के पास मिले गोदाम से 350 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग्स जब्त की थी। इस बार फिर भोपाल पुलिस की नाक के नीचे ये अवैध व्यापार चलाया जा रहा था। जिसकी पुलिस को भनक तक नहीं लगी। वहीं, सूचना निदेशालय (डीआरआई) ने कार्रवाई करते हुए 92 करोड़ की MD जब्त की है।

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गुप्त फैक्ट्री का भंडाफोड़

16 अगस्त 2025 को भोपाल ड्रग्स नेटवर्क के इस्लामनगर स्थित एक अवैध निर्माण इकाई पर छापा मारा गया। यह कारखाना एकांत परिसर में था और जानबूझकर चारों ओर से ढका हुआ था। यहां मेफेड्रोन (जो कि एक मनोविकार नाशक पदार्थ है) का अवैध निर्माण किया जा रहा था। मेफेड्रोन का इस्तेमाल समाज के लिए खतरा बन चुका है, क्योंकि यह पदार्थ मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है और कोकीन जैसे अन्य नशीले पदार्थों की तरह असर करता है।

ड्रग्स नेटवर्क का खुलासा

इस डीआरआई की कार्रवाई के अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन में सूरत, मुंबई, और उत्तर प्रदेश जैसे विभिन्न स्थानों से जुड़े ड्रग्स के बड़े नेटवर्क का पता चला। छापेमारी में 541.53 किलोग्राम कच्चा माल भी बरामद किया गया, जिसमें मेथिलीन डाइक्लोराइड, एसीटोन, मोनोमेथिलमाइन (एमएमए), हाइड्रोक्लोरिक एसिड (एचसीएल), और 2-ब्रोमो जैसी रासायनिक सामग्री शामिल थी। इन रसायनों का इस्तेमाल मेफेड्रोन बनाने में किया जाता था।

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गिरफ्तारी और हवाला का खुलासा

डीआरआई ने इस मामले में सात प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक प्रमुख आरोपी को उत्तर प्रदेश के बस्ती से गिरफ्तार किया गया था, जो भिवंडी (मुंबई) से भोपाल तक कच्चे माल की आपूर्ति की देख-रेख करता था। दो आपूर्तिकर्ताओं को मुंबई में गिरफ्तार किया गया, जो अवैध रूप से रसायनों की आपूर्ति करते थे। इसके अलावा, हवाला के जरिए भोपाल में पैसे भेजने वाले एक सहयोगी को सूरत से गिरफ्तार किया गया।

मेफेड्रोन का प्रभाव और खतरे

मेफेड्रोन एक नशीला पदार्थ है, जिसे आमतौर पर "क्रिस्टल" के नाम से जाना जाता है। यह पदार्थ स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत सूचीबद्ध है।

यह पदार्थ मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और इसका सेवन करने से व्यक्ति को कोकीन या एम्फैटेमिन जैसा अनुभव होता है। इसके प्रभाव में व्यक्ति का आत्म-नियंत्रण कमजोर हो सकता है और इसका दुरुपयोग समाज के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकता है।

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पहले भी भोपाल में ड्रग्स के कारखाने का भंडाफोड़

यह डीआरआई का मेफेड्रोन मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का छठा भंडाफोड़ है। इससे पहले, भोपाल के बगरोदा क्षेत्र में एक बड़े ड्रग्स नेटवर्क का खुलासा हुआ था, जहां से 350 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग्स बरामद की गई थी। यही नहीं, तीन दिन बाद भोपाल के ग्राम रापड़िया में एक और गोदाम से 3500 लीटर ड्रग्स सामग्री जब्त की गई थी। ये घटनाएं दिखाती हैं कि भोपाल में ड्रग्स की अवैध गतिविधियां लगातार जारी हैं और पुलिस की नाक के नीचे यह कारोबार चल रहा है।

FAQ

मेफेड्रोन क्या है और इसके क्या खतरे हैं?
मेफेड्रोन एक मनोविकार नाशक पदार्थ है जो स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत सूचीबद्ध है। यह पदार्थ मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है और इसके दुरुपयोग से समाज के लिए गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं, क्योंकि इसका असर कोकीन और एम्फैटेमिन जैसे नशीले पदार्थों के समान होता है।
डीआरआई की कार्रवाई से ड्रग्स के व्यापार में क्या फर्क पड़ेगा?
डीआरआई की निरंतर सक्रियता और इस प्रकार के ऑपरेशंस के कारण ड्रग्स के अवैध नेटवर्क को गंभीर नुकसान हो रहा है। इन कार्रवाइयों से मादक पदार्थों के निर्माण और वितरण में रुकावट आ रही है, जिससे इस व्यापार में भारी फर्क पड़ सकता है।

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