मध्यप्रदेश का राजस्व विभाग सूचनाएं विधानसभा की बात भी नहीं मान रहा है। 28 मार्च 2025 को विधानसभा में डीओ लेटर भेजे जाने के बावजूद विभाग ने वर्ष 2022 से अब तक कई सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। इन सवालों में मंदिर-ट्रस्ट की जमीनों से जुड़े मामले से लेकर किसानों की योजनाओं तक की जानकारियां शामिल हैं। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह की विधानसभा में शिकायत के बाद राजस्व विभाग हरकत में आया और 60-70 पेज के दस्तावेज तत्काल भेजे, लेकिन अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं।
इन मामलों में जानकारी देने में हिचक रहा विभाग
वर्ष 2022 से लेकर अब तक के सवालों में से कई का उत्तर राजस्व विभाग ने नहीं दिया, जिनमें मंदिर-ट्रस्ट की जमीनों की बिक्री और किसानों से जुड़ी योजनाएं प्रमुख हैं। इन जमीनों में कई ऐसी जमीनें हैं जो सरकारी थी और फिर निजी हो गईं।
विधानसभा में शिकायत के बाद जागा विभाग
सहारा की संपत्ति की बिक्री पर जब जयवर्धन सिंह को जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने विधानसभा में डीओ लेटर लिखा। इसके बाद विभाग ने तत्काल सूचना भेजी। राजस्व विभाग की निष्क्रियता पर विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने मुख्य सचिव और राजस्व प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल को पत्र लिखकर तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने को कहा।
सात सवाल 2023 के जिनके जवाब बाकी
714 और 1000 नंबर वाले सवाल 12 दिसंबर 2022 से अधूरे हैं। वहीं, 12 जुलाई 2023 को पूछे गए सात प्रश्नों के भी जवाब नहीं मिले हैं। विधायक प्रताप ग्रेवाल ने इंदौर-उज्जैन की जमीनों का पूरा लेखा-जोखा मांगा था। उन्होंने 1956-57 के बाद निजी नाम पर दर्ज सरकारी जमीनों पर सवाल उठाते हुए प्रताप ग्रेवाल ने रकबा, खसरा, गांव, लीज तारीख और समाप्ति की विस्तृत सूची मांगी है।
किसान योजनाओं पर भी चुप्पी, उमाकांत शर्मा को नहीं मिला जिलेवार डेटा
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना और पीएम कृषक सम्मान निधि की जिलेवार जानकारी मांगी गई थी, लेकिन अब तक उत्तर परिशिष्ट में नहीं भेजा गया।
सागर में मंदिरों की जमीन पर खरीद-बिक्री का भी नहीं खुला पूरा राज
विधायक भूपेंद्र सिंह ने मार्च 2023 से अब तक सागर जिले में मंदिर/ट्रस्ट की जमीनों की बिक्री से जुड़ी जानकारी मांगी थी, लेकिन पूरी जानकारी विधानसभा में नहीं भेजी गई।
नामांतरण और सीमांकन पर सवाल उठे, लारिया ने पूछी प्रगति की स्थिति
विधायक प्रदीप लारिया ने नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन के लंबित केसों की जिलावार और तहसीलवार जानकारी मांगी थी, जिसका जवाब भी लंबित है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र की जमीनों पर भी उठे सवाल
राजेश कुमार शुक्ला ने पूछा कि ढोडन बांध के डूब क्षेत्र में सरकारी जमीन निजी नाम पर कैसे दर्ज हो गई। विभाग से नियमों की जानकारी मांगी गई थी।
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सचिव बोल जल्द दिए जाएंगे जवाब
28 मार्च के डीओ लेटर के बाद राजस्व विभाग ने 34 सवालों के उत्तर भेजे, लेकिन अब भी 2024 के 21 और 2025 के 13 प्रश्नों के जवाब अभी बाकी हैं। प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा है कि जो जानकारियां बची हैं, उन्हें जल्द से जल्द विधानसभा में उपलब्ध कराने के निर्देश राजस्व विभाग को दिए गए हैं।
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