जनता की बात उठाने वाले विधायक नहीं उठा पा रहे अपनी ही आवाज

मप्र में विधायकों को मकान और वाहन खरीदने ब्याज अनुदान दिए जाने की परंपरा रही है, लेकिन बीते सात सालों से इस पर अघोषित रोक है। जिम्मेदार इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

author-image
Ravi Awasthi
एडिट
New Update
thesootr

MP Vidhansabha Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. साल 2018 तक मध्य प्रदेश में विधायकों को सरकार की ओर से मकान व वाहन खरीदने बैंक लोन में ब्याज पर पौने सात फीसद तक की रियायत मिलती रही है। 'माननीयों' को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज ही अदा करना होता था,लेकिन फिलहाल यह सुविधा बंद है। विधानसभा की सदस्य सेवा समिति के प्रस्तावों को वित्त विभाग ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है। तो क्या यह माना जाए कि ​सरकार ने विधायकों को दी जाने वाली इस सुविधा पर कैंची चला दी है,जबकि कई विधायक यह अनुदान पाने की आस अब भी लगाए हुए हैं।

अनसुनी हुई ब्याज सुविधा की मांग

साल 2018 में राजगढ़ से पहली बार विधायक बने कांग्रेस के बापू सिंह तंवर ने मकान खरीदने विधानसभा सचिवालय की सदस्य सेवा सुविधा शाखा को आवेदन दिया।

तंवर ने विधानसभा के हाउसिंग प्रोजेक्ट रचना टॉवर में बैंक ऋण लेकर मकान भी खरीदा,लेकिन वह अब पछता रहे हैं। एक तो उन्हें विधानसभा से ऋण ब्याज पर दी जाने वाली छूट नहीं मिली ,दूसरे वह खरीदे गए मकान की गुणवत्ता से नाखुश हैं। तंवर अब पूर्व विधायक हैं। वह कहते हैं-मैं तो फंस गया। 

विधानसभा सचिवालय से मुझे लोन ब्याज पर पौने सात प्रतिशत तक सरकार से अनुदान मिलने की बात कही गई ​थी। इसी उम्मीद में मकान खरीद लिया।

ऐसी ही कुछ प्रतिक्रिया साल 2018 से 2023 तक सिहोरा से बीजेपी की विधायक रहीं नंदिनी मरावी की भी है। वह कहती हैं-अपने कार्यकाल के दौरान हमने कई बार यह मांग उठाई,लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया।

यह भी पढ़ें...   न सैलरी लूंगा और न ही भत्ता, भरी विधानसभा में BJP विधायक उमाकांत शर्मा क्यों किया ये ऐलान

विधायक तरसे अनुदान को 

ब्याज अनुदान को तरसने वालों में तंवर व नंदिनी अकेले नहीं हैं। पिछली विधानसभा में कांग्रेस के जयवर्धन सिंह,अमर सिंह,अर्जुन काकोड़िया व वाहन खरीदी के लिए अन्य 32 सदस्यों ने भी सदन की समिति को ब्याज अनुदान के लिए अपने आवेदन दिए थे।

मौजूदा 16वीं विधानसभा में भी विधायक निर्मला सप्रे,महेंद्र नागेश व दिनेश गुर्जर ने वाहन खरीदी के लिए ब्याज अनुदान की मांग की है,लेकिन जिम्मेदार इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। 

यह भी पढ़ें... MP Ladeli Behna Yojana | मोहन सरकार की मंत्री ने विधानसभा में दिया चौंकाने वाला बयान

यह भी पढ़ें... एमपी विधानसभा में उठी प्रमोशन की मांग, विधानसभा अफसर बोले- सशर्त पदोन्नति दी जाए

14वीं विधानसभा में मिली ढाई करोड़ की ग्रांट

राज्य की 14वीं विधानसभा की बात करें तो साल 2013 से 2018 तक 50 विधायकों को होम लोन के लिए करीब सवा करोड़ व 105 विधायकों को 1.27 करोड़ से अधिक की अनुदान राशि दी गई।

साल 2018 के बाद राज्य में दो सरकारों की आवाजाही व कोरोनाकाल में विधानासभा सचिवालय के अनुदान प्रस्ताव राज्य मंत्रालय में अटक कर रह गए।

 साल 2023 में नई विधानसभा बनी,लेकिन ब्याज अनुदान की आस लगाए सदस्यों का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

दिए रिमाइंडर पर रिमाइंडर

सूत्रों के अनुसार,प्रत्येक विधानसभा गठन के साथ ही ​सदस्यों को दी जाने वाली सेवा-सुविधा भी तय की जाती है।

 इसी परंपरा के तहत विधानसभा सचिवालय ने पिछली व मौजूदा दोनों विधानसभाओं के दौरान भी इस प्रक्रिया को अपनाते हुए सरकार को इसकी सूचना भी दी।

यही नहीं सचिवालय की ओर से समय-समय पर रिमांइडर भी संसदीय कार्य एवं वित्त विभाग को भेजे गए। 

यह भी पढ़ें...   तमिलनाडु विधानसभा में वक्फ बिल के खिलाफ प्रस्ताव पारित, स्टालिन बोले- केंद्र इसे वापस ले

एक-दूसरे पर डाली जिम्मेदारी   

विधायकों की मांग पर ​जिम्मेदार अधिकारी एक-दूसरे पर जवाबदेही डाल रहे हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने कहा-सदन की संबंधित समिति की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजे गए है।

वहीं संसदीय कार्य विभाग के अपर सचिव राजेश गुप्ता ने कहा-विधानसभा से पूर्व में व अभी मिले सभी प्रस्ताव,रिमाइंडर से वित्त विभाग को अवगत करा दिया गया है।

ये प्रस्ताव विचाराधीन हैं,जबकि वित्त विभाग के प्रमुख ​सचिव मनीष रस्तोगी ने कहा कि यह वित्त विभाग का विषय नहीं है। इस बारे में विधानसभा से ही पूछा जाना चाहिए। 

मध्यप्रदेश सरकार विधानसभा मध्यप्रदेश एमपी हिंदी न्यूज मध्यप्रदेश विधायक