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Madhya Pradesh weather: दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन (Cyclonic Circulation) के कारण मध्यप्रदेश में हल्की बारिश (Light rain) और गरज-चमक के आसार अगले चार दिनों तक बने रहेंगे।
मौसम विभाग ने 22 से 24 अक्टूबर तक कई जिलों में मौसम पूर्वानुमान ( एमपी का मौसम पूर्वानुमान) के तहत अलर्ट जारी किया है। इस दौरान मध्यप्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी इलाकों में बादल छाए रहेंगे, जबकि उत्तर और पूर्वी जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
मध्यप्रदेश में चक्रवात का असर और बारिश का पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार चक्रवात का सबसे ज्यादा प्रभाव भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए अलर्ट दिया है। मंगलवार को हरदा और नर्मदापुरम में बूंदाबांदी हो सकती है।
बैतूल और छिंदवाड़ा में भी बारिश की संभावना है। पांढुर्णा, सिवनी और डिंडौरी में बादल छाए रहेंगे। मंडला और बालाघाट में गरज और चमक हो सकती है। अगले दिन इसका असर और बढ़ेगा।
22 अक्टूबर को भी कई जगह मौसम बदलेगा। इंदौर, भोपाल और राजगढ़ में हल्की बारिश हो सकती है। शाजापुर, बड़वानी और खरगोन में भी बादल रहेंगे। बुरहानपुर और खंडवा में गरज के साथ बारिश हो सकती है। हरदा, देवास और सीहोर में भी संभावना है। विदिशा और रायसेन में मौसम बदल सकता है।
नर्मदापुरम और बैतूल में बूंदाबांदी जारी रहेगी। सागर और नरसिंहपुर में बादल छाए रहेंगे। दमोह और जबलपुर में भी हल्की बारिश होगी। छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में गरज के आसार हैं।
सिवनी, मंडला और बालाघाट में भी बादल बने रहेंगे। डिंडौरी और अनूपपुर में भी यही हाल रहेगा। 23 और 24 अक्टूबर को दक्षिणी जिलों में हल्की बरसात जारी रह सकती है।
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प्रभावित जिले
संभाग | प्रभावित जिले |
---|---|
भोपाल | भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन |
इंदौर | इंदौर, देवास, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर |
जबलपुर | जबलपुर, डिंडौरी, मंडला, नरसिंहपुर |
नर्मदापुरम | बैतूल, हरदा, खंडवा |
मध्यप्रदेश मानसून पूरी तरह लौटा
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल पूरे प्रदेश से अब मानसून पूरी तरह लौट चुका है। प्रदेश में मानसून की शुरुआत 16 जून को हुई थी और 13 अक्टूबर तक यह सक्रिय रहा। यानी इस बार कुल तीन महीने 28 दिन तक मानसून ने असर दिखाया। मानसून की विदाई के बाद भी कुछ इलाकों में हल्की बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
इस बार प्रदेश में मानसून अच्छा रहा और कई जगह खूब बारिश हुई। भोपाल और ग्वालियर सहित करीब 30 जिलों में सामान्य से ज्यादा पानी गिरा। सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में हुई, जहां पूरे सीजन में 65.7 इंच पानी दर्ज की गई।
श्योपुर में भी 216.3 प्रतिशत बारिश हुई, जो बहुत बढ़िया माना जा रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी अच्छी बारिश से पीने के पानी और सिंचाई दोनों के लिए पर्याप्त पानी मौजूद रहेगा और भूजल स्तर भी मजबूत रहेगा। हालांकि शाजापुर जिले में बारिश कम हुई और यहां सिर्फ 28.9 इंच यानी लगभग 81.1 प्रतिशत ही पानी गिरा।
तापमान में गिरावट
मध्यप्रदेश मौसम अपडेट: मौसम बदलने के साथ कई शहरों में रात के तापमान में गिरावट देखी गई है। भोपाल में 17.2 डिग्री, जबलपुर में 18 डिग्री और नौगांव में 16.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो सीजन का सबसे न्यूनतम तापमान है।
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सर्दी का ट्रेंड: नवंबर से बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में रात का तापमान और कम होगा तथा नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर तेज हो जाएगा। इस बार फरवरी तक ठंड बने रहने के संकेत मिल रहे हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर से कड़ाके की ठंड की शुरुआत हो जाती है और यह दौर आमतौर पर जनवरी तक बना रहता है। इस साल ठंड का असर फरवरी तक चलने की संभावना जताई गई है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार सर्दियों में ठिठुरन 2010 के बाद सबसे ज्यादा महसूस हो सकती है और तापमान में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।