मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस के चुनावी परिदृश्य में अहम बदलाव हुआ है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया गया है कि अब प्रदेश में युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों के लिए चुनाव नहीं होंगे। बल्कि सीधे प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी। यह बदलाव उन युवाओं के लिए चौंकाने वाला है जो चुनावी प्रक्रिया के जरिए पदाधिकारी बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे।
चुनावी प्रक्रिया में बदलाव
इससे पहले युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों का चयन चुनाव के माध्यम से होता था, जिसमें मतदान और वोट के आधार पर पदाधिकारियों का चयन होता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी और सीधे मनोनीत पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी।
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राहुल गांधी की भूमिका
युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में चुनाव प्रक्रिया राहुल गांधी के कार्यकाल में शुरू हुई थी। उन्होंने इन संगठनों में लोकतांत्रिक चुनाव प्रणाली लागू की थी। अब अपने फैसले को बदलते हुए पदाधिकारियों की मनोनयन प्रक्रिया लागू की गई है।
युवा कार्यकर्ताओं का हताशा
यह फैसला उन युवाओं के लिए निराशा का कारण हो सकता है जो चुनाव के जरिए पदाधिकारी बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे। कई युवा कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी में जुटे थे, लेकिन अब उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है।
भविष्य में क्या होगा?
अब जबकि चुनाव प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, देखना यह है कि युवा कांग्रेस के भीतर राजनीति और संगठन में किस तरह के बदलाव होते हैं। पदाधिकारियों का सीधा मनोनयन संगठन में नए समीकरण बना सकता है।
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