युवक ने खुद को डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला बताकर अधिकारियों को धमकाया, यहां फंसा मामला

मध्य प्रदेश का एक युवक खुद को डिप्टी सीएम बताकर आरपीएफ को गुमराह कर रहा था। इसके बाद पूरे मामले की जांच हुई है। अब ये केस चर्चा का विषय बना हुआ है।

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Dablu Kumar
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मध्यप्रदेश का एक युवक खुद को राज्य का डिप्टी सीएम बताकर रेलवे अधिकारियों को धमका रहा था। लेकिन सूरत आरपीएफ की सतर्कता ने उसकी साजिश को नाकाम कर दिया। यह घटना 29 अगस्त की है। जब युवक ने बिना टिकट यात्रा कर रहे अपने परिचित को छुड़ाने के लिए सूरत आरपीएफ को फोन किया। इस दौरान युवक ने खुद को एमपी डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला बताया।

जानकारी के अनुसार, टीटीई ने सूरत स्टेशन पर रणजीत यादव नामक युवक को बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा और उस पर नियम के अनुसार जुर्माना लगाया। इसके बाद कुछ देर में सूरत आरपीएफ उप निरीक्षक कुलदीप सिंह को एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला बताते हुए कहा- आपने मेरे परिचित रणजीत यादव को क्यों पकड़ा? उसे तुरंत छोड़ दीजिए।

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कैसे पकड़ा गया आरोपी

उप निरीक्षक को फोन कॉल वाली बात पर संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने मामले की जांच की। फिर पता चला कि यात्री केवल बिना टिकट यात्रा कर रहा था और जुर्माने की रसीद काटी गई थी। इसके बाद फोन पर मौजूद व्यक्ति ने धमकाने की कोशिश करते हुए कहा- आप एक परिचित को नहीं संभाल सकते, रसीद कैसे काट दी?

इस मामले की पोल तब खुली, जब पुलिस ने 30 अगस्त को रणजीत यादव को थाने बुलाकर पूछताछ की। पहले तो उसने खुद को डिप्टी सीएम का परिचित बताया। लेकिन जब सख्ती से सवाल किए गए, तो उसने स्वीकार किया कि डिप्टी सीएम वाला फोन उसने खुद किया था। वह दूसरे मोबाइल नंबर से खुद को डिप्टी सीएम बताकर अधिकारियों को गुमराह कर रहा था। आरोपी की पहचान रणजीत मिट्टुलाल यादव (21), निवासी रघुराजनगर, जिला सतना (मध्य प्रदेश) के रूप में हुई है।

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जांच में चौकाने वाला हुआ खुलासा

सूरत आरपीएफ की ओर से की गई मोबाइल जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। रणजीत के फोन में कई प्रमुख नेताओं, मंत्रियों, पुलिस अधिकारियों, आरपीएफ अधिकारियों, एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टरों के मोबाइल नंबर पाए गए। इससे यह स्पष्ट हो गया कि वह लंबे समय से फर्जी पहचान और झूठे प्रभाव का इस्तेमाल करके विभिन्न स्थानों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था। सूरत आरपीएफ ने रणजीत के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर उसे रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया है। अब पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने इस तरह की ठगी और प्रभावशाली बनने की कोशिशें और कहां-कहां की हैं।

FAQ

सूरत आरपीएफ ने किस युवक को पकड़ा और क्यों?
सूरत आरपीएफ ने रणजीत यादव नामक युवक को बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ा। उसने अपने परिचित को छुड़ाने के लिए रेलवे अधिकारियों को धमकाया और खुद को मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला बताया।
सूरत आरपीएफ की जांच में क्या खुलासा हुआ?
सूरत आरपीएफ की जांच में यह पाया गया कि रणजीत यादव का फोन कई प्रमुख नेताओं, पुलिस अधिकारियों और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के संपर्क में था। इससे यह साबित हुआ कि वह लंबे समय से फर्जी पहचान और दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था।

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डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला | रेलवे अधिकारी |

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