मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) में लागू 87-13 फीसदी फार्मूला के चलते रुके हुए 13 फीसदी रिजल्ट को लेकर 31 जुलाई को हाईकोर्ट जबलपुर में अहम सुनवाई होना है। इसे लेकर शासन और पीएससी खासे चिंतित और लगातार भोपाल में गोपनीय बैठक हो रही है क्या जवाब दिया जाए। हाईकोर्ट पहले ही सुनवाई के दौरान शासन पर 50 हजार की कॉस्ट लगा चुका है। अब उम्मीदवारों ने अहम सुनवाई से पहले हाईकोर्ट जस्टिस को पत्र लिखा है।
यह लिखा है पत्र में
यह पत्र 13 फीसदी होल्ड रिजल्ट के दायरे में फंसे उम्मीदवारों द्वारा लिखा गया है। जस्टिस राजमोहन सिंह जी के नाम संबोधित करते हुए यह लिखा गया है। इसमें लिखा है कि सविनय निवेदन है कि मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा साल 2019 से लेकर वर्तमान 2024 तक विविध परीक्षाएं आयोजित की गई है, जिनमें केवल 87 फीसदी रिजल्ट ही जारी हुए हैं। आपसे निवेदन है कि हमारे संघर्ष, त्याग, मानसिक प्रताड़ना, रोजगार की जरूरत और पांच सालों के इंतजार को ध्यान में रखते हुए यथाशीघ्र याचिका क्रमांक 5596 और 5901 पर अंतिम सुनवाई की कृपा करें।
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यह परीक्षाओं में रुके पद का दिया हवाला...
- पत्र में सात प्रमुख परीक्षाओं में 13 फीसदी के कारण रूके 387 पद और 2369 अभ्यर्थी होने की बात कही गई है।
- राज्य सेवा परीक्षा 2019, 2020, 2021 में कुल 220 पद होल्ड- 1227 उम्मीदवार अटके
- राज्य वन सेवा परीक्षा 2020, 2021, 2022 में 31 पद होल्ड- 191 उम्मीदवार प्रभावित
- इंजीनियरिंग परीक्षा 2021, 2021 में 54 पद होल्ड- 452 उम्मीदवार प्रभावित
- एडीपीओ (सहायक जिला लोक अभियोजक) 2021- 33 पद- 199उम्मीदवार
- कराधान सहायक 2022- 13 पद- 88 उम्मीदवार
- प्रिंसीपल 2023- 26 पद- 173 उम्मीदवार
- वेटनरी परीक्षा 2023- 10 पद- 34 उम्मीदवार
हाईकोर्ट ने दिया था आदेश सूची जारी हो
चार अप्रैल को कुछ उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जबलपुर ने पीएससी और शासन को आदेश दिया था कि वह 13 फीसदी होल्ड रिजल्ट की सूची सार्वजनिक करें। साथ ही बताएं कि क्या 87 फीसदी में ऐसा चयन कोई हुआ हो 13 फीसदी कैटेगरी से कम अंक वाला हो। इस आदेश का आयोग ने पालन नहीं किया जिसके चलते कुछ दिन पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने भारी नाराजगी जाहिर की और शासन व हाईकोर्ट को फटकार लगाते हुए 50 हजार की कॉस्ट लगा दी। अब इसमें 31 जुलाई को सुनवाई होना है।