मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) में 13 फीसदी होल्ड रिजल्ट को लेकर लगी याचिका में 31 जुलाई (बुधवार) को फैसला होना मुश्किल है। 'द सूत्र' की न्यूज फिर सही साबित हुई। इस मामले में बुधवार शाम को जबलपुर हाईकोर्ट डबल बैंच में हुई सुनवाई में मामला आगे बढ़ गया। बैंच ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले सुनवाई होगी और वहां से निर्देश के बाद ही इसमें यहां सुनवाई होगी। अबी हमारे हैंड होल्ड है।
हाईकोर्ट बैंच की अहम टिप्पणी, 13 फीसदी से नए लिटिगेशन होंगे
हाईकोर्ट बैंच ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुमन सिंह की 13 फीसदी रिजल्ट जारी करने की मांग पर साफ कहा कि इससे नए लिटिगेशन शुरू हो जाएंगे। जो भी इस लिस्ट में आएगा फिर वह भर्ती की मांग करेगा। इसके बाद कई और लिटिगेशन शुरू हो जाएंगे। इसलिए बेहतर होगा कि पहले सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन आ जाए। यही बात लगातर पीएससी द्वारा भी कही जा रही थी कि यदि 13 फीसदी रिजल्ट की सूची जारी की तो नए केस शुरू हो जाएंगे क्योंकि अभी तक साफ नहीं है कि यह 13 फीसदी पद अनारक्षित को जाना है या फिर ओबीसी को। एक बार यह स्थिति साफ हो जाए तो फिर आयोग उसी कैटेगरी के रूके हुए रिजल्ट की सूची सार्वजनिक कर देगा। इसी तर्क को बैंच ने भी मान्य किया।
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा आदेश का पालन करवाएं
13 फीसदी होल्ड रिजल्ट जारी करने के लिए चार अप्रैल का आदेश हुआ था, इसका पालन नहीं होने पर 16 जुलाई को डबल बैंच ने 50 हजार की कास्ट लगाई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने काफी दलील दी कि साल 2019 से यह 13 फीसदी वाले होल्ड पर है। 2019, 2020 और 2021 तीनों की भर्ती 87 फीसदी पर हो चुकी है लेकिन यह अभी तक अटके हैं। कृपया बैंच का आर्डर था कि शासन को एक पक्ष जवाब के लिए दिया जाता है, तो इनका पक्ष सुनकर इस पर फैसला किया जाए। लेकिन डबल बैंच ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सभी याचिकाएं ट्रांसफर हो चुकी है। वहां से जब तक निर्देश नहीं होते, कुछ नहीं होगा। बताया गया कि 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में केस लिस्ट हुआ है।
केवल ट्रांसफर याचिका नहीं है यह
बैंच ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केवल यह ट्रांसफर याचिका नहीं है। उन्हें लगा है कि इसमें कुछ इश्यू है, गंभीर होने के कारण ही सुप्रीम कोर्ट इसे सुन रहा है और जब तक वह डायरेक्शन जारी नहीं करता है, अभी इसमें हैंड होल्ड है।
88 याचिकाओं के साथ हो गई लिंक
ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने को लेकर विविध याचिकाएं पहले से ही दायर की थी। अब इसी कारण से उलझे 13 फीसदी रिजल्ट की याचिका को भी इसी में लिंक कर दिया गया है। हाईकोर्ट जबलपुर की डबल बैंच में इस केस को 38वें नंबर पर लिस्ट किया गयास था और इसमें कुल 88 याचिकाएं लिकं है। जिसमें 13 फीसदी होल्ड रिजल्ट वाली भी एक याचिका (रिट पिटीशन 5596) भी है।
अभी तक इस याचिका में दो आदेश हो चुके
याचिका नंबर 5596 में अभी तक दो अहम आदेश हो चुके थे। पहला आदेश चार अप्रैल को था जिसमें साफ था कि 13 फीसदी होल्ड रिजल्ट की सूची जारी की जाए और साथ ही बताया जाए कि क्या 87 फीसदी कैटेगरी में कोई ऐसा चयनित हुआ है जिसके नंबर 13 फीसदी से कम हो? यह आदेश का पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट ने 16 जुलाई को मप्र शासन पर 50 हजार की कास्ट लगा दी थी और जवाब देने का अंतिम अवसर दिया था। जिसे लेकर भोपाल में लागतार बैठकें चलती रही।
क्या होगा फिर याचिका का
ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो चुका है। यह बात लंबे समय से मप्र शासन हाईकोर्ट में कह रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अभी तक इस पर सुनवाई नहीं हुआ है। पहले भी मप्र शासन इस मुद्दे को सुनवाई के लिए टालता रहा और फिर बाद में ट्रांसफर याचिका लगाकर सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करा लिया। साल 2019 से यह यह मुद्दा चल रहा है। लेकिन इसका अभी तक फैसला नहीं हुआ।
किसी को रिजल्ट, अंक कुछ नहीं पता
इसी बीच मप्र शासन ने रूके रिजल्ट जारी करने के लिए सितंबर 2022 में 87-13 फीसदी का फार्मूला लागू कर दिया, जिसके बाद से ही 13 फीसदी पदों का रिजल्ट होल्ड है। इसी के चलते इस कैटेगरी में उम्मीदवारों को अपना रिजल्ट, अंक नहीं पता और ना ही कॉपियां देख पा रहे हैं। खुद 87 फीसदी कैटेगेरी में चयनितों को छोड़कर किसी को भी अपने अंक पता नहीं है।