MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के फॉर्म को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ये भी भर सकेंगे फॉर्म
मप्र लोक सेवा आय़ोग (पीएससी) द्वारा होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2024 को लेकर हाईकोर्ट इंदौर ने एक अहम आदेश दिया है। यह आदेश पीजी डिग्री के अंतिम सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहे उम्मीदवारों को लेकर है, जो फॉर्म नहीं भर पा रहे थे।
INDORE. मप्र लोक सेवा आय़ोग (पीएससी) द्वारा होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2024 को लेकर हाईकोर्ट इंदौर ने एक अहम आदेश दिया है। यह आदेश पीजी डिग्री के अंतिम सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहे उम्मीदवारों को लेकर है, जो फॉर्म नहीं भर पा रहे थे। साथ ही इस आदेश में एक लाइन सबसे अहम कही गई है।
यह है मामला
मप्र लोक सेवा आय़ोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के फॉर्म भरने के लिए दो आवेदन भरने के दौरान दो योग्यता होना अनिवार्य किया है। इसके तहत आवेदक को सेट या नेट क्वालीफाइ होना जरूरी है। साथ ही उसकी पीजी डिग्री पूरी होना चाहिए। इसके बाद पीजी डिग्री के अंतिम सेमेस्टर में पढ़ रहे उम्मीदवारों ने इस पर आपत्ति ली थी। इनका कहना है कि हमारी परीक्षा जून में होगी, आयोग जब अंतिम चयन करेगा इसमें एक-दो साल लगेंगे, तब तो हमारी डिग्री पूरी हो चुकी होगी, फिर हमे फॉर्म भरने दिए जाएं। लेकिन आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग के नियमों का हवाला देते हुए इंकार कर दिया था।
अब हाईकोर्ट ने यह दिया अंतरिम फैसला
इस मामले में कुछ उम्मीदवारों ने अधिवक्ता जयेश गुरनानी के माध्यम से याचिका दायर की थी। इमसें गुरनानी ने पक्ष रखा कि अन्य राज्यों के लोक सेवा आय़ोग ने अंतिम सेमेस्टर वालों को फार्म भरने के लिए योग्य माना है। इस तरह की शर्त किसी ने नहीं रखी। उम्मीदवारों द्वारा विज्ञापन की शर्तों को चुनौती दी गई। इस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के फॉर्म स्वीकार करने के आदेश आयोग के दिए।
क्या सभी उम्मीदवारों को मिलेगा यह लाभ
हाईकोर्ट जस्टिस सुबोध अभ्यंकर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यदि याचिका अलाउ होती है तो इसका लाभ सभी उम्मीदवारों को मिले, भले ही उन्होंने याचिका लगाई हो या नहीं। इसमें अगली सुनवाई 15 अप्रैल लगाई गई है। लेकिन याचिका अलाउ होगी या नहीं, इस पर आयोग के जवाब के बाद ही फैसला होगा। अधिवक्ता गुरनानी के अनुसार अभी इसका लाभ केवल याचिकाकर्ता को ही मिलेगा, अन्य को लाभ लेने के लिए याचिका ही लगाना होगी। याचिका अलाउ होगी या नहीं इस पर 15 अप्रैल की सुनवाई में ही फैसला संभव है, ऐसे में इसके बाद ही तय होग कि इसमें बिना याचिका लगाए भी आवेदक फॉर्म भर सकता है या नहीं., अभी यह फैसला केवल याचिकाकर्ता पर लागू होगा।