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मप्र लोक सेवा आयोग (PSC) से अपनी मांगों को लेकर युवा उम्मीदवारों की बुधवार (18 दिसंबर) को महाआंदोलन रैली है। इसके लिए सुबह से ही युवा इंदौर के दीनदयाल बगीचे भंवरकुआं पर जमा होना शुरू हो गए हैं और वे यहां से रैली के रूप में आयोग के दफ्तर तक जाएंगे और ज्ञापन देंगे। रैली के लिए पुलिस से मंजूरी ली गई है। उधर आयोग के दफ्तर के बाहर पुलिस बल मौजूद है और बैरिकेडिंग भी कर दी गई है। इसके साथ ही पुलिस वाहन भी तैयार है।
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NEYU के बैनर तले प्रदर्शन
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के बैनर तले युवा एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यूनियन के राधे जाट और रंजीत किसानवंशी ने कहा कि सभी युवा एकजुट हैं और हम अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन चाहते हैं। इससे कम हमें कुछ मंजूर नहीं है।
यह है प्रमुख मांगे
• साल 2019 से अभी तक मेन्स की कॉपियां दिखाई जाएं।
• साल 2025 की राज्य सेवा में कम से कम 700 पद हों और वन सेवा में 100 से ज्यादा पद दिए जाएं।
• असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य परीक्षाओं का कैलेंडर जारी हो (आयोग यह सोमवार 16 दिसंबर को जारी कर चुका है)
• आयोग में छत्तीसगढ़ पीएससी जैसे सुधार किए जाएं जैसे कि प्री में गलत सवाल नहीं बनाए जाएं, छत्तीसगढ़ पीएससी जैसे मेन्स की कॉपियां जांचें, इंटरव्यू के अंक कम हों।
• फार्मूला 87-13 खत्म करके सौ फीसदी पर रिजल्ट हो
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आयोग क्या कह रहा है इन मांगों पर
इन मांगों को लेकर पीएससी के ओएसडी डॉ. रविंद्र पंचभाई से द सूत्र की टेलीफोनिक चर्चा हुई। उन्होंने इस बारे में यह जानकारी दी।
• मेन्स की कॉपियां नहीं दिखा सकते हैं, क्योंकि 87-13 फीसदी फार्मूला लागू है और 27 फीसदी ओबीसी का इश्यू कोर्ट में है। इससे रिजल्ट की गोपनीयता भंग होती है
• पद कितने जारी होंगे यह मप्र शासन के विभागों से रिक्त पद की जानकारी आती है, आयोग केवल परीक्षा कराने वाली नोडल एजेंसी है।
• परीक्षा कैलेंडर और इंटरव्यू कैलेंडर जारी कर दिए गए हैं। सभी विभागों से जानकारी आने पर ही यह जारी होते हैं
• पीएससी पूरी पारदर्शिता से काम करता है, इंटरव्यू के अंक 12 फीसदी तक हो सकते हैं, वह कम ही है। मानकों के अनुसार है। कॉपियां एक्सपर्ट द्वारा जांची जाती है। प्री के सवालों को विशेषज्ञ तैयार करते हैं, बाद में आपत्तियां भी ली जाती है और इसमें आंसर की में आवश्यक सुधार किए जाते हैं, सभी प्रक्रिया उम्मीदवारों को बताकर की जाती है।
• 87-13 फीसदी फार्मूला मप्र शासन द्वारा जारी किया गया है, आयोग केवल परीक्षा नोडल एजेंसी है। आरक्षण संबंधी नियम मप्र शासन के लागू होते हैं।
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