INDORE. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने हजारों उम्मीदवारों को एक बार फिर बड़ा झटका दे दिया है। आयोग ने 31 दिसंबर 2024 को एक-दो नहीं बल्कि पूरे 17 साल लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग की फूड सेफ्टी ऑफिसर (राजपत्रित 3 श्रेणी) की भर्ती निकाली थी। जिसे रद्द करने की औपचारिक सूचना सोमवार 28 अप्रैल को जारी कर दी गई।
वहीं, विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि जल्द ही नई योग्यताएं तय कर आयोग को भेजा जाएगा। इसके बाद भर्ती के लिए नया नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसमें करीब दो माह का समय लग सकता है।
यह कारण बताकर किया रद्द
कार्यालय आयुक्त खाद्य सुरक्षा व नियंत्रक खाद्य व औषधि प्रशासन के पत्र 25 अप्रैल में उल्लेख किया गया है कि इस पद की शैक्षणिक अर्हता में भारत सरकार द्वारा 28 मार्च को अधिसूचना जारी कर संशोधन किया गया है इसके चलते यह भर्ती विज्ञापन रद्द करने का अनुरोध किया गया है। इसलिए यह विज्ञापन निरस्त किया जाता है।
जिन उम्मीदवारों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया था, उनके भुगतान की राशि वापस ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी। इसके लिए आयोग की साइट पर 15 मई से 30 मर्ई तक उपलब्ध लिंक पर शुल्क वापसी के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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इतने पदों के लिए थी निकली
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यह भर्ती 120 पदों के लिए निकली थी इसमें 87 फीसदी कैटेगरी में 106 और 13 फीसदी कैटेगरी में 14 पद शामिल थे। अनारक्षित के लिए 28 पद, एससी के लिए 16, एसटी के लिए 28, ओबीसी के लिए 38 और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए 10 पद थे। इसके लिए आवेदन 28 मार्च से 27 अप्रैल तक बुलाए गए थे।
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इतने साल बाद क्यों निकली थी
दरअसल पद तो विभाग में रिक्त थे लेकिन इसकी भर्ती विभाग ही नहीं निकाल रहा था। एक मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई। इसमें इन पदों के रिक्त होने से आम जन की जीवन से खिलवाड़ की बात आई। इस पर इस भर्ती को करने के लिए विभाग को फटकार लगी। क्योंकि अभी तक आधे पद ही भरे हुए हैं। इस फटकार के बाद विभाग ने सभी रिक्त पदों की जानकारी बनाकर आयोग को भेजी औऱ अब यह भर्ती निकली है।
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डिग्री को लेकर शुरू से रहा कन्फ्यूजन
इस पद के लिए शैक्षणिक अर्हता को लेकर लगातार असमंजस रहा। इसके लिए कभी कोई स्पष्टीकरण विभाग और आयोग से जारी नहीं हुआ पीएससी ने मान्य डिग्री में लिखा है कि खाद्य प्रौद्योगिकी, डेयरी, जैव प्रौद्योगिकी, तेल प्रौद्योगिक, कृषि विज्ञान, पशु चिकित्सा, जैव रासायन, सूक्ष्म विज्ञान, रसायन विज्ञान, मेडिसिन में ग्रेज्युट या पोस्टग्रेज्युट या पीएचडी होना चाहिए।
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यह है भारत सरकार का नोटिफिकेशन
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उधर भारत सरकार द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार इसमें बैचलर आफ मेडिसीन एंड बैचलर आर्फ सर्जरी या बैचलर आफ डेंटल सर्जरी, बैचलर आफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी या बैचलर आफ यूनानी मेडिसीन एंड सर्जरी या बैचलर आफ सिद्धा मेडिसीन एंड सर्जरी या बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी या बैचलर आफ सोवा रिग्पा मेडिसिन एंड सर्जरी को भी मान्यता में शामिल किया गया है।
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विभाग और आयोग का भर्ती रद्द करना जल्दबाजी
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उधर यह बात भी साफ है कि संबंधित विभाग और आयोग (MPPSC) दोनों ने ही इसमें जल्दबाजी की है। यदि शैक्षणिक अर्हता में बदलाव हुआ था तो संशोधित विज्ञप्ति जारी कर इन योगय्ता को जोड़ा जा सकता था और फिर नए पात्र आवेदको को आवेदन के लिए ऑनलाइन विंडो और खोली जा सकता थी क्योंकि परीक्षा शेड्यूल में अभी समय था। लेकिन विभाग ने सीधे ही आयोग को भर्ती रद्द करने पत्र लिख दिया और आयोग ने भी भर्ती ही रद्द कर दी लेकिन जिस तरह से इसमें हाईकोर्ट का आदेश है कि भर्ती की जाए, यदि इसमें देरी होती है तो फिर हाईकोर्ट के फैसले की अवमानना होगी कुल मिलाकर यह शासन और आयोग के अगंभीर और मनमाने तरीके को दिखाता है। जिसमें हजारों लाखों युवा परेशान हो रहे है।