MPPSC राज्य सेवा परीक्षा 2023 का रिजल्ट कठघरे में

एजी प्रशांत सिंह ने कई बार दलील देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले है, जिसमें आंसर की पर सवाल नहीं उठ सकते हैं। लेकिन चीफ जस्टिस ने सीधे कह दिया कि कबड्डी संघ का दफ्तर जयपुर के पहले कहां पर था...

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Sanjay gupta
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INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग ( MPPSC ) मेंस 2023 का रिजल्ट उलझ गया है। चीफ जस्टिस की डबल बैंच ने इस मामले में सुनवाई की और उन्होंने सिंगल बैंच द्वारा राज्य सेवा 2023 प्री के दो सवालों को गलत ठहराने पर एजी से पक्ष सुना। खासकर सोमवार के दिन कब्डडी संघ के मुख्यालय कहां पर है इस सवाल को लेकर जिरह चली। इस पर एजी प्रशांत सिंह ने कई बार दलील देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले है, जिसमें आंसर की पर सवाल नहीं उठ सकते हैं। लेकिन चीफ जस्टिस ने सीधे कह दिया कि कबड्डी संघ का दफ्तर जयपुर के पहले कहां पर था, इसके दस्तावेज लेकर आईए। यदि दफ्तर बदलता रहा तो दिल्ली आंसर सही है, लेकिन यदि जयपुर रहा है तो वह देखेंगे। अब सुनवाई बुधवार 4 दिसंबर को फिर रखी गई है। अगली सुनवाई में विलियम बैंटिंक वाले सवाल पर भी जिरह होगी अभी केवल एक सवाल पर तर्क हुए हैं। 

किसलिए उलझ गई 2023 परीक्षा

सिंगल बैंच पहले ही 16 मई को आदेश दे चुकी है कि दो प्रश्नों को गलत मानने के बाद नए सिरे से रिजल्ट होना चाहिए और इसका लाभ सभी को होना चाहिए। अब इसी बात पर डबल बैंच आगे बढ़ी है, बैंच ने यदि इस आंसरकी को लेकर सवाल उठाते हुए फैसला दे दिया तो फिर पीएससी को या तो सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। नहीं तो नौबत नए सिरे से प्री का रिजल्ट जारी करने की आ जाएगी, जिसमें कई लोग बाहर होंगे औऱ कई अंदर, यानी जो मेंस नहीं दे सके उन्हें फिर से स्पेशल मेंस की पात्रता होगी।

इसी बात से बचने के लिए एजी के तर्क

इसी बात से बचने के लिए एजी भी लगातार डबल बैंच में तर्क दे रहे थे कि आंसर की पर सवाल नहीं उठ सकते हैं, इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले है। यदि कहीं डाउट होता है तो फैसला एग्जामिनर के पक्ष में जाता है। एजी ने कहा कि ऐसे में हम कब्डडी संघ के पूर्व मुख्यालय शहर की जानकारी तो दे देंगे लेकिन हमारी मांग रहेगी कि आसंर की में बदलाव नहीं किया जाए। जिस पर चीफ जस्टिस ने साफ कह दिया कि वह हम देखेंगे कि दफ्तर यदि बदलता रहा तो दिल्ली सही है नहीं तो जयपुर। 

MPPSC राज्य सेवा परीक्षा 2023 के रिजल्ट पर सुनवाई सोमवार को

रिजल्ट पर स्टे नहीं, हम रिजल्ट देंगे

वहीं बैंच ने एक बाऱ फिर पूछा कि कोई अरजेंसी नहीं हो तो इसे अगले सप्ताह सुनवाई पर लेते हैं। इस पर उम्मीदवारों की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने कहा कि छह हजार बच्चों के मेंस का रिजल्ट रूका है, जो मार्च 2024 में हुआ था। इस पर एजी ने फिर दोहराया कि हम रिजल्ट देंगे, इस पर कोई स्टे नहीं है। उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर की सुनवाई में भी एजी ने यही कहा था कि रिजल्ट प्रकाशित कर रहे हैं, लेकिन बाद में सामने आया कि एजी और पीएससी के बीच इसे लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई और आखिरकार पीएससी ने मेंस 2023 का रिजल्ट जारी नहीं किया। अब एक बार फिर एजी ने दावा किया कि रिजल्ट जारी करेंगे, इस पर कोई स्टे नहीं है। लेकिन पीएससी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। 

MPPSC ने HC में कहा हम- राज्य सेवा परीक्षा 2023 का रिजल्ट करेंगे जारी

उधर अब कहानी ही बदल जाएगी

अब बैंच के नए सवाल उठाए जाने से अब पीएससी का मेंस रिजल्ट जारी करना और मुश्किल हो गया है, क्योंकि यदि उन्होंने आंसर की के विपरीत फैसल दिया तो फिर बात उठेगी प्री रिजल्ट क्या रिवाइज्ड होना होगा औऱ फिर सवाल उठेगा नए रिजल्ट से कुछ पास नए होंगे फिर उनके लिए क्या स्पेसल मेंस कराना होगी। यह सभी सवाल उठेंगे। यह भी तय  है कि आयोग के विपरीत फैसला आने पर रिजल्ट जारी नहीं होगा और आयोग पूरी संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा।  

यह है पूरा मामला

राज्य सेवा परीक्षा प्री 2023 दिसंबर में हुई थी और फिर जनवरी 2024 में रिजल्ट आकर मात्र 50 दिनों में ही इसकी मेंस भी मार्च में आयोजित कराई गई। प्री के रिजल्ट के बाद 150 से ज्यादा उम्मीदवारों ने आंशर की को लेकर सवाल उठाए जो करीब सात सवालों पर थे। हालांकि बेंच ने केवल दो सवालों को संज्ञान में लिया और उन पर पीएससी के आंसर को गलत बताया। इसमें सभी याचिकाकर्ता जिन्होंने आपत्ति लगाई थी उन्हें सशर्त मेंस में बैठने के आदेश हुए, लेकिन डिटेल आर्डर जारी नहीं किया। बाद में राज्य सेवा मेंस होने के बाद 16 मई को डिटेल आर्डर आया और दो सवालों को गलत बताया और साथ ही कहा कि नए जवाब के आधार पर राज्य वन सेवा 2023 प्री का रिजल्ट रिवाइज किया जाए और मेंस कराई जाए, क्योंकि तब तक राज्य सेवा की तो मेंस हो गई लेकिन वन सेवा की बाकी थी। इस फैसले के खिलाफ आयोग तत्काल अपील में चला गया और स्टे ले आया। तभी से यह केस चल रहा है। 

यह दो सवालों को लेकर था फैसला 

प्रेस की स्वतंत्रता वाले विलियम बैंटिंक के सवाल को हाईकोर्ट ने गलत माना था और इसी तरह कबड्‌डी संघ के मुख्यालय के सवाल पर भी पीएससी के जवाब को गलत माना और नया आंसर दूसरा बताया। इन दो सवालों के आधार पर जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि इन दो सवालों का लाभ केवल हाईकोर्ट आने वालों को नहीं बल्कि सभी प्रभावित उम्मीदवार कों मिलेगा। यानि यह सभी उम्मदीवार जो इन दो सवालों के कारण कटऑफ पर अटक गए थे, वह सभी इसका लाभ लेने वालों में आ सकते हैं। इसी आधार पर जस्टिस ने कहा कि वन सेवा क्योंकि नहीं हुई तो इसका प्री का रिजल्ट संशोधित किया जाए और इसी आधार पर मेंस हो। लेकिन राज्य सेवा मेंस 2023 हो चुकी है इसलिए इसके लिए अलग से आदेश नहीं हो सकते हैं लेकिन इन सवालों का लाभ लेन के सभी पात्र है जो एक पर लागू वह सभी पर भी होगा। इसके बाद आयोग ने अपील दायर की और स्टे लिया।

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