बजट में MSP की घोषणा नहीं हुई,  किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ी, सम्मान निधि नहीं

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इसमें मध्यमवर्गीय की तो बल्ले-बल्ले हुई है लेकिन किसानों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। किसान इससे बहुत अधिक खुश नहीं है।

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Sanjay gupta
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INDORE. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इसमें मध्यमवर्गीय की तो बल्ले-बल्ले हुई है लेकिन किसानों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। किसान इससे बहुत अधिक खुश नहीं है। उन्हें इसमें एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइज) की घोषणा की उम्मीद थी और सम्मान निधि बढ़ने की भी। लेकिन यह दोनों नहीं हुए। किसान नेताओं ने कहा कि यह आमदनी बढाने की तो बात नहीं करता है लेकिन बजट ने क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाकर और कर्जदार करने की बात जरूर की है। 

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किसानों को नहीं मिला यह सब

किसान नेता बबलू जाधव ने कहा कि किसान एमएसपी की मांग कर रहे है लेकिन इस पर बजट में सरकार ने कुछ नहीं किया। बजट में किसानों को कर्ज मुक्त करने का प्रावधान होना चाहिए था लेकिन सरकार ने दोबारा से कर्ज बढ़ाने की बात की। बजट 2025 में किसानों के साथ फिर विश्वासघात हुआ वित्त मंत्री ने बजट की शुरुआत कृषि से की, लेकिन किसानों की असली मांगों पर पूरी तरह चुप्पी साधी। किसान को MSP चाहिए, लेकिन बजट में उस पर कोई बात नहीं हुई।

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यह भी नहीं हुआ बजट में किसानों के लिए

किसान नेताओं ने कहा कि बजट में गरीबों के आवास, मनरेगा योजना को लेकर कोई बात नहीं की गई , PM फसल बीमा योजना में सुधार पर कोई कदम नहीं उठाए। किसान सम्मान निधि कि राशि में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों को भी नज़रअंदाज़ किया गया। बजट में किसानों को कर्ज मुक्त करने का प्रावधान होना चाहिए था। बजट में किसान-क्रेडिट-कार्ड पर कर्ज की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई है,जबकि किसान पिछला कर्ज चुकाने में ही असमर्थ हो रहे है।

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उधर किसानों के लिए यह प्रावधान

बिहार में मखाना बोर्ड का गठन- बिहार में मखाना के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए एक नया मखाना बोर्ड गठित होगा।

सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम- केंद्र सरकार ने सब्जियों, फलों और श्रीअन्न (मिलेट्स) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की है।

उच्च पैदावार वाले बीजों के लिए राष्ट्रीय मिशन- सरकार ने उच्च पैदावार वाले बीजों के उत्पादन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की घोषणा की।

मत्स्यपालन क्षेत्र में उन्नति-केंद्र सरकार ने मत्स्यपालन के क्षेत्र में भी एक ऐलान किया है। सरकार समुद्री क्षेत्र की अनछुई संभावनाओं का पता लगाने और उसका लाभ उठाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी।

कपास उत्पादकता मिशन- भारत के पारंपरिक वस्त्र क्षेत्र में सुधार के लिए कपास उत्पादकता मिशन की शुरुआत की जाएगी।

दलहन आत्मनिर्भरता मिशन- दलहन आत्मनिर्भरता मिशन  का उद्देश्य देश में दालों के उत्पादन को बढ़ाना और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य फसल विविधीकरण, टिकाऊ खेती के तरीकों, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं को बेहतर करना और दीर्घकालिक व अल्पकालिक ऋण दोनों तक किसानों की पहुंच को सुविधाजनक बनाना है।

असम के नामरूप में यूरिया प्लांट- सरकार ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाले यूरिया संयंत्र की स्थापना की घोषणा की।

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