नगर निगम बिल घोटालाः डिप्टी डायरेक्टर समरसिंह पर होगी कार्रवाई, 4 साल पहले भी भ्रष्टाचार में हो चुके सस्पेंड

इंदौर नगर निगम के बिल घोटाले में ऑडिट विभाग के तीन अधिकारियों पर एक-दो दिन में ही गाज गिर सकती है। इसमें समरसिंह परमार- डिप्टी डायेरक्टर लोकल फंड, जगदीश अहरोलिया- सीनियर ऑडीटर और रामेशवर परमार- असिस्टेंट ऑडिटर शामिल है।

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. नगर निगम बिल घोटाला में जो करीब 150 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, इसमें ऑडिट विभाग के तीन अधिकारियों पर एक-दो दिन में ही गाज गिर सकती है। इसमें समरसिंह परमार- डिप्टी डायेरक्टर लोकल फंड, जगदीश अहरोलिया- सीनियर ऑडीटर और रामेश्वर परमार- असिस्टेंट ऑडिटर शामिल है।

घोटाले में पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा

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नगर निगम घोटाले के दो आरोपी मोहम्मद साजिद और मोहम्मद जाकिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डीसीपी पंकज पांडे ने कंफर्म किया है कि दोनों को आज शाम को क्रिस्टल आईटी पार्क के पास से गिरफ्तारी हुई है और पूछताछ जारी है। यह पुलिस की बड़ी कामयाबी है इतने बड़े घोटाले में दो आरोपी पकड़ में आए हैं।

परमार दो साल से निगम में, लेकिन नियुक्ति आदेश 6 अक्टूबर 23 का 

परमार पर भ्रष्टाचार में कार्रवाई नई बात नहीं है। साल 2020 में वित्त विभाग भ्रष्टाचार के एक मामले में इन्हें आरोपी मान चुका है। यह सस्पेंड भी हुए और फिर ग्वालियर में अटैच हुए लेकिन नहीं गए। बाद में जोड़तोड़ कर पीएससी में पोस्टिंग हुई और बाद में भोपाल से सांठगांठ निगम में भी आ गए। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इनका निगम में जॉइन करने का औपचारिक आदेश वित्त विभाग भोपाल से अवर सचिव विजय कढाने द्वारा 6 अक्टूबर 2023 में जारी किया गया, लेकिन इन्होंने कभी रीजनल ऑफिस इंदौर में जॉइनिंग ही नहीं दी। बताया जा रहा है कि इनका वेतन भी इसी विवाद के चलते कहीं से भी नहीं निकलता है। यानी यह बिना वेतन के काम कर रहे हैं।

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जगदीश अहरोलिया हमेशा क्रीम पोस्टिंग पर रहे

उधर बात अहरोलिया सीनियर ऑडिटर की करें तो यह हमेशा क्रीम विभागों में ही काम करने के लिए जाने जाते हैं। अहरोलिया इसके पहले आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) में थे, इसके बाद एक अन्य विभाग में गए और एक वीडियो कांड विवाद उठा, लेकिन बाद में जुगाड़ जमाकर नगर निगम इंदौर में जम गए। वहीं असिस्टेंट ऑडिटर रामेश्वर परमार ऑडिट विभाग में 4-5 साल पुरानी भर्ती है। 

जांच कमेटी फर्जी फर्म के कामों और बिल की लिस्ट बनाने में जुटी

उधर नगर निगम की जांच कमेटी पांचों फर्जी फर्म नींव कंस्ट्रक्शन (मोहम्मद साजिद), ग्रीन कंस्ट्रक्शन (मोहम्मद सिदि्दकी), किंग कंस्ट्रक्शन (मोहम्मद जाकिर), क्षितिज इंटरप्राइजेज (रेणु वडेरा) और जान्हवी इंटरप्राइजेज (राहुल वडेरा) की पूरी रिपोर्ट बनाने में जुटी हुई है। इसमें सभी फाइल और इसमें कितना बिल राशि थी और कितना भुगतान हुआ यह सभी हिसाब लिया जा रहा है। इसके बाद इनसे वसूली की कार्रवाई नगर निगम द्वारा अपने स्तर पर की जाएगी। उधर माना जा रहा है कि आरोपी सिद्दकी जल्द ही जिला कोर्ट में सरेंडर करेगा, वहीं उनके दोनों बटे साजिद और जाकिर की जमानत पर सोमवार को सुनवाई संभव है।

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