नील तिवारी, JABALPUR. जबलपुर नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव ने आखिरकार स्वास्थ्य अधिकारी को हटा ही दिया। दरअसल, निगम आयुक्त को पहले दिन से उनकी कार्यशैली ठीक नजर नहीं आ रही थी। नगर निगम में पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह की मुश्किलें बीते कुछ महीने से बढ़ रही थीं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर के संयुक्त सचिव दीपक कुमार सिंह ने नगर निगम कमिश्नर को एक शिकायत पत्र सौंपा था। जिसके जरिए स्वास्थ्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह (Health Officer Bhupendra Singh) की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए गए थे।
नियुक्ति पर उठे थे सवाल
शिकायत पत्र के अनुसार भूपेंद्र सिंह की नियुक्ति अवैधानिक थी, लिहाजा उसे निरस्त किए जाने की मांग करते हुए बताया गया था कि भूपेंद्र सिंह मूल रूप से उपयंत्री हैं और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण सहित अन्य आपराधिक धाराओं के प्रकरण भी दर्ज हैं। लिहाजा विधि का उल्लंघन करते हुए जिस तरह से उन्हें स्वास्थ्य अधिकारी बनाया गया है, उनकी नियुक्ति निरस्त की जाए। नगर निगम कमिश्नर को दिए पत्र में कहा गया था कि अगर इसके बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की जाएगी।
ये खबर भी पढ़िए..
UP की लेडी सिंघम से फर्जी IRS ने की शादी, ठगी से तंग आकर कराई FIR
स्वास्थ्य अधिकारी की ठेकेदारों से यारी
निगम के गलियारों में चर्चा है कि स्वास्थ्य अधिकारी की ठेकेदारों से यारी निगम आयुक्त को खटक रही थी। यही कारण है कि रविवार को जारी हुए एक आदेश के तहत प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से संभव मनु अयाची, सहायक आयुक्त को अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ प्रभारी उपायुक्त एवं प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यभार अग्रिम आदेश पर्यन्त दिया गया है। वहीं भूपेन्द्र सिंह सहायक यंत्री स्वास्थ्य विभाग के प्रभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है। वे अन्य प्रभारों में यथावत कार्य करते रहेंगे।