NAAC की मूल्यांकन प्रक्रिया में आरजीपीवी की लापरवाही पर सवाल, दो साल बाद जमा की SSR रिपोर्ट

आरजीपीवी की मूल्यांकन रिपोर्ट में लापरवाही पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने NAAC से जांच की मांग की है। ABVP का कहना है कि विश्वविद्यालय ने SSR रिपोर्ट दो साल बाद अपलोड की थी।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
naac-evaluation-rgpv-ssr-delay
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मूल्यांकन में अनियमितता की जांच की मांग की है। इसे लेकर परिषद ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) को एक पत्र लिखा है।

वहीं, परिषद ने मूल्यांकन के दूसरे चरण पर सवाल भी उठाए हैं। वहीं जब द सूत्र ने इस मामले में RGPV के रजिस्ट्रार से बात की तो उन्होंने इसे पूर्व अधिकारी की गलती बताई है।

मूल्यांकन प्रक्रिया में हुई चूक

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने NAAC को भेजे गए पत्र में मूल्यांकन प्रक्रिया में हुई चूक का जिक्र किया है। पहले चरण के मूल्यांकन में आरजीपीवी को NAAC से A ग्रेड मिला था। यह ग्रेड 8 जून 2022 तक वैध था।

NAAC के रिवाइज्ड यूनिवर्सिटी मैन्युअल 2020 के अनुसार, दूसरे चरण के लिए आखिरी छह महीनों में IIQA रिपोर्ट (संस्थागत सूचना गुणवत्ता) जमा करनी थी। वहीं, स्वीकृति मिलने पर 45 दिनों में SSR अपलोड करना था।

ये खबर भी पढ़िए...RGPV की PHD डिग्री पर उठे सवाल, नेशनल लेवल कॉलेजों में पढ़ा रहे बिना कोर्सवर्क वाले PHD होल्डर

दो साल बाद जमा की गई रिपोर्ट

ABVP ने कहा कि आरजीपीवी (RGPV) ने लगातार अनियमितताओं के मामलों में घिरे रहने के बावजूद इसमें गंभीरता नहीं दिखाई। संस्थागत सूचना गुणवत्ता रिपोर्ट (IIQA) की स्वीकृति मिलने के बाद भी इसे जमा नहीं कराया गया।

विश्वविद्यालय ने पोर्टल पर इस SSR को नवंबर 2024 में अपलोड किया था। इसका मतलब यह हुआ कि पाबंदी के बावजूद SSR दो साल बाद अपलोड किया गया था। यह मूल्यांकन प्रक्रिया में आरजीपीवी की एक बड़ी चूक है।

ये खबर भी पढ़िए...MP में सरकारी नौकरी का मौका, 15 साल बाद भोपाल RGPV में फैकेल्टी पदों पर भर्ती

मूल्यांकन प्रक्रिया में आरजीपीवी की लापरवाही पर एक नजर...

  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के NAAC मूल्यांकन में अनियमितताओं की जांच की मांग की है।

  • RGPV ने IIQA स्वीकृति के बाद भी SSR रिपोर्ट दो साल बाद नवंबर 2024 में पोर्टल पर अपलोड की, जबकि नियमानुसार इसे 45 दिनों के भीतर अपलोड करना था।

  • NAAC के रिवाइज्ड मैन्युअल 2020 के अनुसार, IIQA रिपोर्ट को जमा करने की अंतिम तिथि जून 2022 थी, लेकिन RGPV ने समय पर इसे जमा नहीं किया।

  • ABVP ने NAAC से RGPV की लापरवाही की जांच करने की मांग की और केंद्रीय शिकायत प्रबंधन समिति से प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिव्यू करने की अपील की।

  • SSR रिपोर्ट में 2017-2022 और 2024 के बाद के डेटा का उपयोग किया गया, जो मूल्यांकन प्रक्रिया की सही स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता।

ये खबर भी पढ़िए...RGPV के 3 साल के डिप्लोमा कोर्स को मिली 12वीं के समान मान्यता, जानिए क्या है इसके मायने

ABVP ने NAAC से की जांच की मांग

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने NAAC निदेशक को पत्र लिखा है। उन्होंने मूल्यांकन प्रक्रिया और आरजीपीवी की लापरवाही की जांच की मांग की। यह मांग केंद्रीय शिकायत प्रबंधन समिति (CCMC) से की गई है।

साथ ही, यह सवाल उठाया है कि क्या आरजीपीवी ने नियमों की अनदेखी की है? यदि ऐसा है, तो पूरी प्रक्रिया की जांच करना जरूरी है। SSR में देरी के कारण, जो डेटा दिया गया, वह या तो 2017-2022 का था या 2024 के बाद का था। मूल्यांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसका रिव्यू कराया जाना चाहिए।

ये खबर भी पढ़िए...MP News: गौरव दिवस पर क्रांति गौड़ का सम्मान, मध्यप्रदेश सरकार देगी 1 करोड़ रुपए, पीएम मोदी होंगे साक्षी

पूर्व के अधिकारी जिम्मेदार- रजिस्ट्रार

RGPV भोपाल के रजिस्ट्रार मोहन सेन ने बताया कि NAAC के मूल्यांकन से पहले SSR रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन पर अपलोड करना जरूरी होता है। ये एक बहुत ही डिटेल रिपोर्ट होती है। पहले जिनके पास यह जिम्मेदारी थी, उनसे थोड़ी चूक हो गई थी। इस बारे में NAAC ने भी रिमाइंडर भेजा था। अब इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है ताकि कोई भी भ्रम न रहे।

MP News मध्यप्रदेश RGPV अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय NAAC
Advertisment