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Photograph: (अभिलिप्सा पांडा(इनसेट में) The Sootr)
JABALPUR. शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियों में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। यह इस महोत्सव का 22वां संस्करण है। जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के द्वारा आयोजित इस महोत्सव में आध्यात्म, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिला।
मुख्य आकर्षण रहीं अभिलिप्सा पांडा
सांस्कृतिक संध्या का सबसे आकर्षक हिस्सा पुरी की प्रसिद्ध भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा के शिव भजन रहे। "हर हर शंभु" फेम अभिलिप्सा पांडा ने अपने भजनों से पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया और उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके अलावा देश के विभिन्न कोनों से आए कलाकारों ने भी प्रस्तुतियां दीं। कटनी के युवराज सिंह ने महोत्सव की शुरुआत शास्त्रीय गायन से की। इसके बाद जबलपुर की कामना नायक एवं समूह ने मनमोहक भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया। राजस्थान के जवाहरनाथ समूह द्वारा प्रस्तुत कालबेलिया नृत्य ने दर्शकों को खासा प्रभावित किया।
सांस्कृतिक रंग में रंगी होगी कल की शाम
महोत्सव का दूसरा दिन, सोमवार 6 अक्टूबर 2025, और भी रंगीन और मनोरम होगा। इस महोत्सव के दूसरे दिन भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियों में स्वर गूंजेंगे क्योंकि कल मशहूर गायक लखबीर सिंह लक्खा की मधुर आवाज श्रोताओं को सुनने मिलेगी साथ ही कमलेश यादव एवं समूह द्वारा रानी दुर्गावती नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की जाएगी और पुरी की मशहूर गायिका मैथिली ठाकुर मधुबनी शैली में भजन गाकर माहौल को संगीत में बनाएंगी।
महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आयोजन स्थल पर व्यंजन मेला और हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी लगी हुई है। आयोजन समिति ने बताया कि यह महोत्सव न केवल संस्कृति और भक्ति का उत्सव है, बल्कि नर्मदा नदी की पवित्रता और उसके संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है।
आमंत्रित अतिथियों सहित बड़ी संख्या में नागरिक रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह मौजूद रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि ने की। महोत्सव में कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह, बरगी विधायक नीरज सिंह और सिहोरा विधायक संतोष वरकड़े सहित अन्य गणमान्य नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा बढ़ाई।
राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि ने मां नर्मदा को नमन करते हुए कहा, “यह महोत्सव माननीय राकेश सिंह जी की 22 वर्षों की तपस्या का परिणाम है। शरद पूर्णिमा का यह पर्व हमें अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर से जोड़ता है।”
मुख्य अतिथि उदय प्रताप सिंह ने आयोजन समिति को धन्यवाद देते हुए कहा, “भेड़ाघाट की पहचान अब सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक धर्ममय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है।
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