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विश्व संवाद केन्द्र मालवा का वार्षिक साहित्योत्सव ‘नर्मदा साहित्य मंथन’ का चौथा भाग “अहिल्या पर्व” 31 जनवरी से 2 फरवरी 2025 तक इंदौर में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के तक्षशिला परिसर में होगा। इस आयोजन का उद्देश्य समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचार करना और लोगों को जागरूक करना है। इस दौरान निमाड़ के पद्मश्री उपन्यासकार जगदीश जोशीला का सम्मान भी किया जाएगा। यह जानकारी नर्मदा साहित्य मंथन के संयोजक श्रीरंग पेंढारकर ने दी।
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उद्घाटन सत्र में आएंगे सुरेश सोनी
उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी का “खंडन-मंडन की भारतीय परंपरा” विषय पर उद्बोधन रहेगा। प्रथम दिवस में श्याम मनावत अपने सत्र में "विश्व कल्याण में रामराज्य की भूमिका” पर चर्चा करेंगे। भारती ठाकुर अपने सत्र में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के महान कार्यों और उनके योगदान पर प्रकाश डालेंगी। क्षमा कौल “हिन्दू विस्थापन की पीड़ा” पर अपने विचार व्यक्त करेंगी। इस साहित्योत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जागरण के साथ ही, नागरिक कर्तव्य से संबंधित विषयों पर प्रबोधन के सत्र भी आयोजित होंगे। आयोजन युवाओं को राष्ट्र निर्माण और समाज सुधार में उनकी भूमिका को लेकर प्रेरित करेगा। साथ ही, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के कृतित्व, पर्यावरणीय जागरूकता और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी एक माध्यम होगा।
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यह आएंगे आयोजन में
आयोजन में ‘अहिल्या पर्व’ के रूप में मालवा की ऐतिहासिक धरोहरों, भारतीय ज्ञान परम्परा एवं संस्कृति को केन्द्र में रखकर विशेष चर्चा की जाएगी। ‘मंचीय कविता का वर्तमान परिदृश्य – चिंताएं और समाधान’ पर अमन अक्षर, साक्षी, शिवांगी प्रेरणा से विकास दवे परिसंवाद करेंगे। “हिन्दू संस्कृति रक्षा में मातृशक्ति के योगदान” विषय पर चारण कवि गिरधरदान रत्नु संवाद करेंगे। द्वितीय दिवस में “पर्यावरण स्थिरता और संरक्षण में नदियों का महत्व” पर क्षिप्रा पाठक, “राष्ट्र पुनर्निर्माण में युवाओं के कर्तव्य” विषय पर माधवेन्द्र सिंह, हिन्दू समाज में एकात्मकता विषय पर गुरुप्रकाश पासवान, ‘OTT के कारण सांस्कृतिक विकृति’ विषय पर उदय माहुरकर, ‘कल्चरल मार्क्सवाद का परिवारों पर प्रभाव’ विषय पर पवन विजय परिचर्चा में शामिल होंगे।
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अंतिम दिन यह होगा
कार्यक्रम के तृतीय दिवस में जयदीप कर्णिक और अमिताभजी अग्निहोत्री ‘पत्रकारिता के भारतीय तत्व’ विषय पर चर्चा करेंगे, अशोक जमनानी ‘नर्मदा परिक्रमा’ के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व पर विचार रखेंगे। लक्ष्मीनारायण संविधान की भारतीयता विषय पर प्रकाश डालेंगे, इतिहास लेखन के इतिहास पर श्रीकृष्ण श्रीवास्तव और एम. एस. चैत्रा भारतीय ज्ञान परंपरा और उसके विभिन्न दृष्टिकोण विषय पर चर्चा करेंगे। समापन सत्र, हेमंत मुक्ति बोध के माध्यम से दिया जाएगा l देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंवाद अध्ययनशाला तथा कालिदास अकादमी, उज्जैन के सहप्रायोकत्व में हो रहे इस साहित्यमंथन में पहले दिन रात में ‘पुण्यश्लोका अहिल्या’ नृत्यनाटिका का मंचन तथा द्वितीय दिवस ‘राम एक युगपुरुष’ का मंचन होगा। साहित्यमंथन में मालवा निमाड़ के साहित्यकारों की पंद्रह से ज्यादा पुस्तकों का विमोचन होगा। कार्यक्रम के प्रथम दिन देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन चरित्र पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन इतिहासकार दिलीपसिंह जाधव और प्रांत संघचालक प्रकाशजी शास्त्री करेंगे।
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