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नर्मदापुरम जिले में परिवहन विभाग ने दिसंबर 2024 में अस्थाई परमिट के तहत चल रही 80 बसों के परमिट समाप्त कर दिए थे। बावजूद इसके कई रूटों पर बिना परमिट के यात्री बसों का संचालन जारी है।
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यह अवैध बस संचालन परिवहन विभाग के अधिकारियों की जानकारी में हो रहा है, और इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। इन बसों का संचालन जिले के विभिन्न रूटों से हो रहा है, जैसे इंदौर, बैतूल, भोपाल, रायसेन, हरदा, पिपरिया और पचमढ़ी, और रोजाना लगभग 150 से अधिक बसें संचालित हो रही हैं।
परमिट समाप्त होने के बाद भी बसों का संचालन
नर्मदापुरम जिले में दिसंबर 2024 में अस्थाई परमिट की वैधता समाप्त हो चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद विभाग उन बसों को रोकने में नाकाम रहा है जो बिना परमिट के संचालित हो रही हैं। जानकारों के अनुसार, इन बसों का संचालन परिवहन विभाग के अधिकारियों की जानकारी में हो रहा है, और विभागीय सूत्रों का दावा है कि इन बसों का रोड टैक्स भी विभाग द्वारा जमा कर लिया गया है। इस कारण विभाग कार्रवाई से बच रहा है।
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बस संचालन के लिए आवेदन जारी
परिवहन विभाग ने अस्थाई परमिट पर बसों के संचालन की व्यवस्था समाप्त कर दी थी, लेकिन इसके बावजूद 22 जनवरी तक विभिन्न रूटों पर बसों के संचालन के लिए 80 से अधिक आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं। यह आवेदन दर्शाते हैं कि अवैध बस संचालन पर रोक लगाने की तमाम कोशिशों के बावजूद, यह समस्या खत्म नहीं हो रही है।
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कड़ी कार्रवाई की जाएगी
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिन बसों का संचालन बिना परमिट के हो रहा है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने बताया कि अस्थाई परमिट समाप्त होने के बाद अब बिना परमिट चलने वाली बसों को अवैध रूप से चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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मुख्य सचिव से शिकायत के बाद भी नहीं की कार्रवाई
यह स्थिति परिवहन विभाग में अस्थायी परमिट के जारी करने के मामलों में हो रही गड़बड़ी को दर्शाती है, जिससे विभागीय नियमों और प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। अपर मुख्य सचिव ने 2 दिसंबर 2024 को पत्र के माध्यम से इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दिलाया था। पत्र में यह स्पष्ट किया गया था कि मोटरयान अधिनियम की धारा 87 (1) (सी) के तहत मार्गों पर वाहनों की संख्या का निर्धारण किया गया है, और विशेष परिस्थितियों में ही अस्थायी परमिट जारी किए जा सकते हैं।
हालांकि, परिवहन विभाग ने बिना उचित परीक्षण के ही अस्थायी परमिट जारी कर दिए, जो कि नियमों के खिलाफ है। मोटरयान अधिनियम की धारा 87 का पालन नहीं हो रहा है। यह पत्र विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाने के लिए भेजा गया था ताकि वे सही प्रक्रिया का पालन करें और हेराफेरी और अनियमितताओं को रोका जा सके।
इस मामले में आवश्यक कार्रवाई नहीं किए जाने पर, यह संकेत मिलता है कि या तो विभागीय स्तर पर लापरवाही हो रही है, या फिर जिम्मेदार अधिकारियों पर उचित दबाव नहीं है। ऐसे मामलों में प्रशासनिक कार्रवाई और सुधार की सख्त जरूरत है ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके और व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।