नर्मदापुरम के स्कूल में 8वीं कक्षा के छात्र के साथ सामूहिक यौन शोषण, दो साल से चल रहा था ये गंदा खेल

नर्मदापुरम के एक स्कूल में 8वीं कक्षा के छात्र का दो साल से 9वीं कक्षा के पांच छात्रों द्वारा सामूहिक यौन शोषण किया जा रहा था। पीड़ित छात्र के डिप्रेशन में जाने पर घटना का खुलासा हुआ। शिकायत के 10 दिन बाद देहात थाने में केस दर्ज किया गया है। 

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Pratibha ranaa
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नर्मदापुरम स्कूल
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नर्मदापुरम ( होशंगाबाद ) के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 8वीं कक्षा के छात्र के साथ सामूहिक यौन शोषण ( school mass abuse case ) का मामला सामने आया है। इस घटना में 9वीं कक्षा के पांच नाबालिग छात्र शामिल हैं, जिन्होंने दो वर्षों तक इस शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिया।

पीड़ित छात्र के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने उन्हें यह आपबीती तब सुनाई, जब वह गंभीर डिप्रेशन में चला गया और उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद उसे हॉस्टल से घर ले जाया गया, जहां उसने अपनी आपबीती बयां की।

पीड़ित छात्र के पिता ने सुनाई आपबीती

सोमवार को पीड़ित छात्र और उसके पिता देहात थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, लेकिन उनकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई। शाम 7 बजे तक इंतजार के बाद, देहात थाने में रात 9.30 बजे एफआईआर दर्ज की गई। देहात थाना प्रभारी प्रवीण चौहान ने बताया कि पांचों नाबालिगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। चूंकि थाने की महिला एसआई छुट्टी पर थीं, इसलिए दूसरे थाने से महिला एसआई को बुलाकर आगे की कार्रवाई की गई।

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बाल आयोग ने भी लिया संज्ञान

इस घटना पर बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया है। बाल आयोग के सदस्य अनुराग पांडे ने कहा कि वे खुद इस मामले की पूरी जांच कराएंगे और यदि कोई लापरवाही बरती गई है, तो संबंधित लोगों से जवाब मांगेंगे। पीड़ित छात्र के पिता ने बताया कि उन्होंने स्कूल प्राचार्य को भी इस घटना की जानकारी दी थी, लेकिन प्राचार्य ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और मामले को टालते रहे। जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो मजबूरन उन्हें अपने बेटे की टीसी लेने के लिए कहना पड़ा।

स्कूल प्राचार्य का कहना है कि उन्होंने छात्र के पिता की शिकायत को गंभीरता से लिया और स्कूल कमेटी द्वारा मामले की जांच करवाई गई है। हालांकि, पांच में से तीन आरोपी छात्र अन्य राज्यों के स्कूलों में स्पेशल कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे कमेटी को उनसे संपर्क करने में दिक्कत हुई।

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इस मामले में बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य रामभरोसे मीना ने कहा कि बाल कल्याण समिति को इस घटना का संज्ञान लेते हुए सभी संबंधित बच्चों की काउंसिलिंग करनी चाहिए और जो लोग इस मामले को छिपाने में शामिल थे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

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